आर्थिक संकट नहीं है तो क्यों नहीं आई कर्मचारियों की सैलरी: जयराम ठाकुर

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में वितीय संकट को लेकर प्रदेश में बबाल मचा हुआ है। पहले मुख्यमंत्री ने सदन में वित्तीय संकट की बात कर खुद, मंत्रियों, सीपीएस व विधायकों की सैलरी 2 महीने डेफर करने का निर्णय लिया और बाद में मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि कोई वित्तीय संकट नहीं है, लेकिन हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि 3 तारीख तक कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है। 

विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में राहुल गांधी की खटाखट गारंटियों की पोल खुल गई है। इससे अन्य राज्यों को भी सबक लेना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज 3 तारीख होने के बावजूद कर्मचारियों के खाते में सैलरी और पेंशनरों को पेंशन नहीं आई है, जबकि मुख्यमंत्री कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट है और कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट नहीं है। अगर आर्थिक संकट नहीं है तो कर्मचारियों को सैलरी क्यों नहीं आई। विपक्ष ने इसी को लेकर सदन में चर्चा मांगी थी, लेकिन सरकार गंभीर नहीं है। 

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट पैदा हो गया है और विपक्ष इसको लेकर गंभीर है। गारंटी पूरी करने के चक्कर में अब कर्मचारियों को सैलरी तक नहीं मिल रही है, जो कि हिमाचल के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। विपक्ष के विधायक दल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर दखल की मांग की है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की खटाखट गारंटियों की बीजेपी चुनावी राज्यों में भी पोल खोलेगी। वहीं शिमला के संजौली में बने मस्जिद को लेकर जयराम ने कहा कि वह अगर अवैध जगह पर बना है, तो उसे गिरा देना चाहिए।

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