शिमला: दो मासूम बच्चों के साथ दफन हुई कल्पना, बाढ़ आने से कुछ घंटे पहले बनाई थी रील

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शिमला। हिमाचल में जैसे जैसे समय बीत रहा है, मलबे में दफन लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद भी टूटती जा रही है। मलबे में अपनों की तलाश में लोगों की आंखें पथरा गई हैं। घटनास्थल से ऐसी तस्वीरें निकल कर सामने आ रही है, जो झकझोर कर रख देने वाली हैं। कोई अपनी बेटी को तो, कोई पत्नी मां को मलबे में ढूंढ रहा है। किसी का पूरा परिवार ही मलबे में दफन हो गया है। रामपुर के समेज में अभी भी 36 लोगों का कोई पता नहीं चल पाया है।

दो मासूम बच्चों के साथ मलबे में दफन हुई कल्पना: इन्हीं लापता 36 लोगों में रामपुर के समेज गांव की कल्पना और उसके दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। अपने घर में हंसता खेलता परिवार चंद सेकेंड में ही मलबे में दफन हो गया, किसी को कुछ पता चलता इससे पहले ही सब कुछ तबाह हो गया। बता दें कि समेज गांव की रहने वाली 34 वर्षीय कल्पना हाईड्रो पावर में कार्यरत थी। वह यहां अपने पति जय सिंह और दो बच्चों जिसमें सात साल की बेटी अक्षिता और चार साल का बेटा आद्विक के साथ रहती थी।

बाढ़ आने से कुछ घंटे पहले बनाई थी रील: 31 जुलाई की रात को आए जलजले से पहले कल्पना ने अपने घर मंे रील बनाई थी। जिसमें उसने कहा था कि यार लोग कहते हैं कि काम कर लो ण्ण्ण् नहीं मौत आती ण्ण्ए अगर आ गई तो…, मैं इतना बड़ा रिस्क कैसे ले लूं…, अपनी जान के साथ…, अगर मैंने काम किया…, और आ गई मौत फिर… मैंने तो जिंदगी में कुछ नहीं देखा अभी.., ये शब्द कल्पना के है। इस रील को बनाने के चंद घंटे बाद यानी 31 जुलाई की रात सच में कल्पना जिंदगी में ज्यादा कुछ देखे बिना ही चली गई।

करवा लिया था तबादला, जाने से पहले हो गया हादसा
बताया जा रहा है कि कल्पना ने अपना तबादला झाखड़ी के रत्नपुर के लिए करवा लिया था। उसे दो अगस्त को झाखड़ी में ज्वाइनिंग देनी थी। मगर कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। कल्पना अपनी बेटी अक्षिता और बेटे आद्विक के साथ मलबे में दफन हो गई। परिवार में अब सिर्फ उसके पति जय सिंह ही बचे हैं। 31 जुलाई की रात को जय सिंह अपने घर गया था, उसने कल्पना को भी साथ चलने को कहा था, लेकिन वह अपने बच्चों के साथ वहीं पर रूक गई।

अकाउंटेंट थीं कल्पना केदारटा: जय सिंह मूल रूप से रामपुर के कांदरी के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी कल्पना ग्रीनको हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में अकाउंट थीं और समेज में तैनात थी। जय के भाई कुशाल सुनैल ने बताया कि छोटे भाई के बच्चे छुट्टियों में घर आए थे और बीते 30 जुलाई को ही वापस समेज गए थे। उन्होंने बताया कि खड्ड की वजह से ही भाभी की समेज से रत्नपुर को ट्रांसफर करवाई गई थी, लेकिन ज्वाइनिंग करने से पहले ही यह हादसा हो गया।

गोपाल का घर बहने से 12 लोग दबे: बताया जा रहा है कि जय सिंह और उनकी पत्नी कल्पना अपने दोनों बच्चों के साथ समेज में गोपाल के तीन मंजिला मकान में किराए पर रहते थे। इसी बिल्डिंग के टॉप.फ्लोर पर उनका क्वार्टर था और इसी में निचले फ्लोर पर कंपनी का दफ्तर भी चल रहा था।

गोपाल की बिल्डिंग में 12 लोगों की मौत: गोपाल की ही बिल्डिंग ढहने से कुल 12 लोगों की गई है। इसमें जय सिंह की पत्नी, दो बच्चों के अलावा गोपाल की पत्नी शिक्षा (37), बेटी जिया (15) और ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारियों की भी मौत हुई है। कंपनी के कर्मचारी भी इसी बिल्डिंग में रहते थे।

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