चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे 9 मील के पास 8 घंटे बाद हुआ एकतरफा बहाल, कभी भी हो सकता है बंद

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मंडी: जिला मंडी के पंडोह के 9 मील के पास 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चंडीगढ-मनाली नेशनल हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए एक तरफा बहाल हो गया है. बता दें कि बीती रात 11 बजे के करीब 9 मील में पहाड़ी से एक बार फिर भारी मात्रा में मलबा आ गया था. मलबा गिरने कारण 9 मील में दलदल जैसी स्थिति बन गई थी. जिसके बाद मंडी पुलिस द्वारा दोनों ओर से ट्रैफिक को बंद कर दिया गया था. पंडोह के बीच फंसे हुए छोटे वाहनों को वाया चैलचौक होते हुए सुंदरनगर भेजा गया है. वहीं, बीती रात कैंची मोड़ के पास भी पत्थर गिरने के कारण हाइवे कुछ घंटों के लिए बंद रहा. हाईवे के दोनों ओर सैकड़ों की संख्या में अभी भी वाहन फंसे है, जिन्हें ट्रेफिक रोक-रोकर निकाला जा रहा है. एएसपी मंडी सागर चंद्र ने बताया कि सुबह 7 बजे ट्रैफिक को एक तरफा बहाल कर दिया गया है.

कभी भी बंद हो सकता है नेशनल हाईवे: गौरतलब है कि साल 2023 की बरसात में चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पर 9 मील के पास सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे फिर से मिट्टी डालकर बनाया गया है, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी यहां पर एनएचएआई की ओर से कोई भी डंगा नहीं लगाया गया है. हाईवे के एक ओर ब्यास नदी बह रही है तो दूसरी ओर पहाड़ी से लगातार मलबा गिर रहा है. जिससे एक बार फिर नेशनल हाईवे बंद होने की कगार पर पहुंच गया है. अगर एक बार फिर से ब्यास नदी अपने उफान पर आती है तो यहां से सड़क कभी भी बैठ सकती है और हाईवे बंद हो सकता है.

9 मील में अब तक 120 घंटों का जाम: इस नेशनल हाईवे पर 9 मील के पास रोजाना कई घंटों जाम लग रहा है, जिससे सैकड़ों लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. तीन दिन पहले यहां पर मलबा आने के कारण दो गाड़ियां बुरी तरह से फंस गई थी. बरसात के समय अब तक 9 मील के पास कुल 120 घंटे का जाम लग चुका है.

NHAI की लापरवाही लोगों पर पड़ रही भारी: चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पर एनएचएआई की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है. यहां रोजाना घंटों जाम लग रहा है. 9 मील के पास पिछले साल भी भारी मात्रा में लैंडस्लाइड हुआ था, जिसके बाद यह हाईवे कई दिनों तक बंद रहा. पहाड़ी पर कई टनों के हिसाब से मलबा लटका पड़ा है, जिसे हटाया नहीं गया है. भारी बारिश के कारण अब ये मलबा हाईवे पर पहुंच रहा है. पिछले दिनों भी यहां एक ट्रक और जीप मलबे में बुरी तरह से फंस गए थे. बता दें कि यहां पर कीरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत फोरलेन का भी निर्माण कार्य चला हुआ है. पहाड़ी की कंटिग के बाद निर्माणाधीन कंपनी पर पहले की कई तहत के आरोप लग चुके हैं. जिसे लेकर लोगों में भी गहरा रोष है.

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