New Criminal Law: सांसदों को निलंबित करके किया कानून पास, बुलडोजर न्याय प्रणाली को नहीं होने देंगे कामयाब

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दिल्ली। देश में आज से नए आपराधिक कानून लागू हो गए। इस नए आपराधिक कानून का कांग्रेस विरोध कर रही है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि लोकसभा में 146 सांसदों को निलंबित करने के बाद ने आपराधिक कानून को जबरन पारित किए गए थे। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन देश की संसदीय प्रणाली इस तरह से बुलडोजर न्याय को कायम रहने नहीं देगा। नए आपराधिक कानून देश में सोमवार से लागू हो गए। इस नए कानून ने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “चुनाव में मिले राजनीतिक और नैतिक झटके के बाद मोदी जी और भाजपा संविधान का सम्मान करने का दिखावा कर रहे हैं। लेकिन सच यह है कि आज से देश में लागू नए आपराधिक कानून को लोकसभा में 146 सांसदों को निलंबित करने के बाद जबरन पारित किया गया था। इंडी गठबंधन इस बुलडोजर न्याय को संसदीय प्रणाली में कायम होने नहीं देगा।”

कांग्रेस नेताओं ने नए आपराधिक कानून पर दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने नए आपराधिक कानून के लागू होने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने संसद में इस कानून की दोबारा जांच करने की मांग की। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भाजपा ने देश को पुलिस प्रदेश में बदलने की नींव रखी है। 

एक्स पर पोस्ट करते हुए मनीष तिवारी ने कहा, “एक जुलाई 2024 रात 12 बजे से नए आपराधित कानून लागू हो गए। वे देश को पुलिस प्रदेश में बदलने की नींव रखदी। उन्होंने आगे कहा, संसद को इसकी दोबारा जांच करनी चाहिए।”

नए आपराधिक कानून को लेकर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि यह बुडोजिंग का एक और मामला है। चिदंबरम ने कहा कि तीनों कानूनों को संविधान और आपरधिक न्यायशास्त्र के आधुनिक सिद्धांतों के अनुरूप लाने के लिए उनमें और बदलाव किए जाने चाहिए।

सरकार पर भड़के चिदंबरम
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, “90-99 प्रतिशत तथाकथित नए कानून कट, कॉपी और पेस्ट का काम हैं। जो काम मौजूदा तीन कानूनों में कुछ संशोधनों के साथ पूरा किया जा सकता था, उसे एक बेकार प्रक्रिया में बदल दिया गया है।” उन्होंने आगे कहा, “हां, नए कानूनों में कुछ सुधार हुए और हमने इसका स्वागत भी किया। इन्हें संशोधन के तौर पर पेश किया जा सकता था। वहीं, दूसरी तरफ कुछ ऐसे प्रावधान है जो ठीक नहीं है और कुछ बदलाव प्रथम दृष्टया असंवैधानिक है।” कांग्रेस नेता ने बताया कि सरकार ने किसी भी आलोचना का खंडन नहीं किया और न ही कोई जवाब दिया। संसद में भी इसपर कोई डिबेट नहीं किया गया।

बता दें कि सोमवार से अब सभी नई एफआईआर बीएनएस के तहत दर्ज की जाएंगी। हालांकि, इससे पहले दर्ज किए गए मामलो की सुनवाई पूराने नियम के तहत जारी रहेगी।

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