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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मतदान को लेकर युवाओं, महिलाओं से लेकर बुजुर्गों और दिव्यांगजनों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। मतदान करने के लिए लोग सुबह-सवेरे से ही लंबी कतारों में लग गए थे। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ था, जो कि शाम 6 बजे तक चलेगा। मगर इस बीच प्रदेश में कई पोलिंग बूथों पर EVM खराब पाई गई। जबकि, कुछ क्षेत्रों में लोगों द्वारा लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया गया।
नहीं पड़ा एक भी वोट: बता दें कि जिला चंबा की ग्राम पंचायत भजोत्रा के सगोटी बूथ व नड्डल पंचायत के जुतराण बूथ में फिलहाल अभी तक एक भी वोट नहीं पड़ा है। यहां के वोटरों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। इसके अलावा चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत सनवाल के मक्कन बूथ पर भी चुनाव का बहिष्कार हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्रशासन मौके पर नहीं आता है, मतदान नहीं करेंगे।
इसके अलावा जिला कुल्लू के बंजार की सोझा क्षेत्र के करीब पांच से छह गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है। यहां लोग सोझा गांव से नीचे से निकल रही जलोड़ी टनल के निर्माण का विरोध कर रहे हैं।
EVM में आई तकनीकी खराबी: वहीं, प्रदेश में कुछ मतदान केंद्रों में EVM में तकनीकी खराबी होने से मतदान देरी से शुरू हुआ। जिला ऊना के गगरेट विधानसभा क्षेत्र में पोलिंग बूथ में EVM में खराबी होने के कारण लोगों को गर्मी में खड़े होकर इंतजार करना पड़ा। इसके चलते जिला निर्वाचन अधिकारी ऊना जतिनलाल ने पीठासीन अधिकारी और सेक्टर ऑफिसर को ड्यूटी में कोताही बरतने की सूरत में हटा दिया।
बता दें कि साल 2019 के चुनाव में रिकॉर्ड 72.42 % मतदान हुआ था। जबकि, साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हिमाचल में रिकॉर्ड मतदान 75.78% हुआ था। इस साल निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश में इस लोकसभा चुनाव में 76% से ज्यादा मतदान का लक्ष्य रखा है।