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रिश्वत लेते पकड़े रेजिडेंट इंजीनियर की सेवाओं को एनएचएआई ने समाप्त कर दिया है। इसके साथ साथ एनएचएआई ने अपनी परियोजनाओं पर काम करने वाली सभी 27 कंसल्टेंसी फर्मों के प्रबंध निदेशकों को भी एडवाइजरी जारी कर दी है। एनएचएआई की और से गुरुवार को जारी पत्र में सभी फर्मों को उनके द्वारा हस्ताक्षिरत इंटीग्रिटी पैक्ट के प्रावधानों का सख्ती पालन करने का निर्देश जारी किया है। इसके अलावा एनएचएआई ने यह भी निर्देश जारी किए है कि वे अपने कर्मचारियों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखें क्योंकि इस तरह की घटना से सार्वजनिक क्षेत्र में एनएचएआई की छवि खराब हुई है।
इसके अलावा एनएचएआई ने कंसल्टेंट्स को चेतावनी दी है कि कर्मचारियों को ब्लैकलिस्ट करने के अलावा कंसल्टेंसी फर्मों को भी एनएचएआई से ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। अगर इस तरह की कोई भी घटना संज्ञान में आती है।
गौरतलब है कि जयपुर की कंसल्टेंसी फर्म मैसर्स थीम इंजीनियरिंग कंपनी ने रेजिडेंट इंजीनियर को विजिलेंस ने 50 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों कुल्लू में पकड़ा था। जिसके बाद एनएचएआई ने सख्त रवैया अपनाते हुए इंजीनियर की सेवाओं को ही समाप्त कर दिया है।
एनएचएआई के आरओ अब्दुल वासिद ने बताया कि रिश्वत लेने जैसे संगीन मामलों को किसी हालत में नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी कंसल्टेंसी फर्मों को सख्त निर्देश जारी कर दिए गए है। रेजिडेंट इंजीनियर की सेवाओं को भी समाप्त कर दिया।