Jairam Thakur: सरकार कह रही कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन दी, आज हजारों कर्मचारी सड़कों पर क्यों?

Anil Kashyap
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Jairam Thakur: Government is saying that old pension was given to the employees, why are thousands of employees on the streets today?
जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष

न्यूज अपडेट्स 
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी चीज को लेकर गंभीर नहीं है। सिवाय हर महीने कर्ज लेने के जयराम ठाकुर ने कहा कि महीना शुरू होने के पहले ही क़र्ज़ की अधिसूचना जारी हो जाती है। अभी सरकार को बने एक साल और महीना ही हुआ है और सरकार ने एक हज़ार करोड़ और कर्ज लेने की अधिसूचना जारी कर दी। अपने 13 महीने के कार्यकाल में सरकार अब तक 13 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का कर्ज ले चुकी है। 

उन्होंने कहा कि सरकार विकास के एक भी काम नहीं कर रही है तो कर्ज किस लिए लिया जा रहा है। जो कांग्रेस हर दिन बीजेपी सरकार पर कर्ज को लेकर शोर मचाती थी आज वह हर दिन के साथ कर्ज लेने का रिकॉर्ड क्यों बना रही है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस सरकार में कोई भी गंभीर नहीं है। अस्पतालों में जांच करने वाली लैब के पैसे बकाया करने के कारण लैब ने जांच बंद कर दी और तीन दिन तक मरीज जांच के लिए इधर-उधर भटकते रहे। निजी जांच केंद्रों में जाकर मोटी रकम खर्च करते रहे। जब लोग पूरी तरह परेशान हो गए तब जाकर सरकार ने लैब की अथॉरिटी के साथ बातचीत की और गतिरोध खत्म हुआ। 

जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया कि आखिर यह काम पहले क्यों नहीं हुआ? पहले ही इस मसले का समाधान क्यों नहीं निकाला गया। पहले से बातचीत क्यों नहीं की गई। क्या सरकार प्रदेश के लोगों की जान आफ़त में डाले बिना किसी समस्या का हल नहीं निकाल सकती है। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि अस्पतालों में जांच से जुड़ी समस्या का सरकार ने स्थाई समाधान किया होगा। एक दो हफ़्ते बाद फिर से ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए। 

इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार कह रही है कि उसने ओपीएस दे दी तो आज दस हज़ार से ज़्यादा कर्मचारी सड़कों पर क्यों है। सरकार को झूठ बोलना अपनी पॉलिसी बनाना बंद करना चाहिए। 

भवन निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सराहनीय, पूर्व सरकार में हमने की थी पैरवी: नेता प्रतिपक्ष ने शिमला में भवन निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनजीटी (NGT) के ढाई मंजिला भवन निर्माण की सीलिंग को रद्द कर 21 मीटर की ऊंचाई तक भवन निर्माण को मंजूरी देने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इस निर्णय के ख़िलाफ़ हम सुप्रीम कोर्ट गए थे। इस निर्णय से भवन निर्माण में लोगों को सहूलियत होगी।

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