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बिलासपुर 17 दिसंबर: पर्यटन व औद्योगिक दृष्टि से जिला बिलासपुर को विकसित करना मेरी प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है। मंत्री पद पाने के उपरांत अपने गृह क्षेत्र घुमारवीं में पधारने पर जनसभा को सम्बोधित करते हुए राजेश धर्माणी ने यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ विचार विमर्श कर क्षेत्र में विकास की सम्भावनाओं की पूर्ति के लिए कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फोरलेन और रेलवे सुविधा प्राप्त होने से इस क्षेत्र को औद्योगिक ईकाईयों के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा जिसके लिए जगातखाना, घुमारवीं व घाघस में कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी उद्योग स्थापित करने के लिए क्षेत्र चिन्हित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास भी मेरी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है ताकि कुल्लू मनाली लेह जाने वाले पर्यटक को यहां रोक कर इस क्षेत्र के प्रति आर्कषण पैदा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि औहर में पर्यटन विकास के लिए सड़क के अगल बगल 20-20 बीघा जमीन दी गई हैं। इसके अतिरिक्त मंण्डी भराड़ी, जगातखाना, औहर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए प्रक्रिया आरम्भ है जिसमें डीपीआर बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। घुमारवीं स्थित त्यूण किला और बिलासपुर स्थित सरयूण किले के सौदर्यकर्ण कार्य के लिए दो करोड़ रुपए की किस्त जारी कर दी गई है।
उन्होंने कांग्रेस के केन्द्रीय शीर्ष नेतृत्व व मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू को यह दायित्व प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जो भी जिम्मेदारी उन्हें दी जाएगी उसका वह निष्ठापूर्वक निर्वहन करेंगे। उन्होंनें आज 1971 भारत पाक युद्व के दौरान भारतीय सेना के प्रयासों व उलब्धियों और सैनिकों के शौर्य व पराक्रम को नमन करते हुए बिलासपुर स्थित शहीद स्मारक पर वीर सैनिकों के प्रति पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्वांजलि दी।
उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी के आदम्य सहास व कुशल नेतृत्व को भी स्मरण किया जिसकी बदौलत आज यह विजय दिवस मनाने का गौरव मिला। उल्लेखनीय है कि 1971 में पाकिस्तान के विभाजन व हमारी तीनों सेनाओं के साहस व पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी के कुशल नेतृत्व में पाकिस्तान पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष में आज विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने वीर सेनानीयों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा तथा सैनिक मुन्शी राम शर्मा जो युद्व में वीरगति को प्राप्त हुए थे उनकी धर्म पत्नी एवम परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया।