हिमाचल : विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे प्रोजेक्ट, 13.79 किलोमीटर लंबी परियोजना, बस किराए के समान होगा किराया

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शिमला, 08 दिसंबर: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को बढ़ते ट्रैफिक कंजैशन से निजात दिलाने के लिए सरकार रोपवे ट्रांसपोर्ट को विकसित करने जा रही है, जो विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजैक्ट होगा। विश्व में सबसे बड़ा 32 किलोमीटर का प्रोजैक्ट दक्षिण अमेरिका के बोलिविया में है। 13.79 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर 1555 करोड़ रुपए की लागत आएगी। 

प्रदेश सरकार ने इसको लेकर डीपीआर तैयार कर ली है तथा अक्तूबर, 2024 से इसका कार्य शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में दी तथा कहा कि यह रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजैक्ट को लेकर लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। हालांकि अभी वन विभाग से क्लीयरैंस ली जा रही है। एफसीए क्लीयरैंस 2 से 3 माह में हासिल कर ली जाएगी। 

एनडीबी के सहयोग से बनाया जा रहा प्रोजैक्ट : मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इस प्रोजैक्ट के तहत शिमला में 13.79 किलोमीटर लंबा रोपवे का जाल बिछाया जाएगा। इस पूरे रोपवे सिस्टम में 13 स्टेशन होंगे। इसके अलावा शुरूआती चरण में इस सिस्टम में 222 कैबिन लगाए जाएंगे और पूरा होने पर 660 कैबिन होंगे। प्रत्येक कैबिन में 8 से 10 लोगों को ले जाने की क्षमता होगी तथा 2 से 3 मिनट के भीतर स्टेशन पर लोगों के लिए कैबिन उपलब्ध हो जाएगा। प्रोजैक्ट पीपीपी मोड पर न्यू डिवैल्पमैंट बैंक (एनडीबी) के सहयोग से बनाया जा रहा है, जिसमें प्रदेश सरकार की भी हिस्सेदारी है। इसमें 72 फीसदी ग्रांट, 8 फीसदी ऋण तथा 20 फीसदी प्रदेश सरकार की इक्विटी होगी। इसकी डीपीआर बनकर तैयार कर दी गई है, जिसे एनडीबी बैंक को सौंपा जा चुका है। कंसल्टैंट को भी नियुक्त कर दिया गया है। इसे शहर की अगली 40 वर्ष की ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है।

5 वर्ष में पूरा होगा प्रोजैक्ट: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शिमला का रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजैक्ट को 5 वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि अढ़ाई वर्ष में पहले चरण का प्रोजैक्ट शुरू हो जाएगा। इसके लिए टैंडर करने जा रही है, जिसमें डोपल, लाईटनर जैसी विश्व की बड़ी कंपनियां भाग लेंगी। टीसीपी से मंजूरी 15 दिसम्बर तक मिल जाएगी तथा एफसीए की मंजूरी के लिए भी 15 दिसम्बर तक आवेदन कर दिया जाएगा। 31 मार्च, 2024 तक टैंडर की प्रक्रिया को पूरा करने तथा ट्राई पार्टी नैगोसिएशन करने का लक्ष्य रखा गया है। यह नैगोसिएशन एनडीबी बैंक तथा प्रदेश व केंद्र सरकार के बीच होगा।

बस किराए के आसपास होगा रोपवे में भाड़ा: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह पूरी तरह से सरकारी उपक्रम है। ऐसे में इसका भाड़ा बसों के किराए के आसपास होगा। इससे प्रदेश में पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थानीय लोग भी इसका उपयोग करेंगे।

ये होंगे 13 स्टेशन: शिमला रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजैक्ट के तहत 13 स्टेशन बनेंगे। पहला स्टेशन तारादेवी में होगा, जहां से प्रोजैक्ट शुरू होगा। इसके बाद ज्यूडिशियल कॉम्पलैक्स, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी टूटीकंडी, रेलवे स्टेशन, ओल्ड आईएसबीटी, लिफ्ट, सचिवालय, नव बहार, संजौली, आईजीएमसी, आईस स्केटिंग रिंक तथा फिर सिसल होटल चौड़ा मैदान शामिल है। इसके लिए सरकार ने रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डिवैल्पमैंट कॉर्पोरेशन को पूरी राशि अदा कर दी है।

विश्व का सबसे बड़ा रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजैक्ट बनाने की है योजना: प्रदेश सरकार की परवाणू से शिमला तक विश्व की सबसे बड़े रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजैक्ट को बनाने की योजना है। इस प्रोजैक्ट की लंबाई 38 किलोमीटर होगी, जिस पर 6800 करोड़ रुपए लागत आएगी।

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