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शिमला, 30 दिसंबर : प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी (IGMC) में नेगेटिव व पॉजिटिव ब्लड ग्रुप की कमी छा गई है। ऐसे में अब मरीजों से डोनर मंगवाए जा रहे हैं। सर्दी में अब ब्लड की कमी आनी शुरू हो गई है। हालांकि अभी शिमला में बर्फबारी का दौर शुरू नहीं हुआ है। जैसे ही बर्फबारी का दौर शुरू होगा तो यहां पर इससे भी ज्यादा कमी आने की संभावना है।
इन दिनों मरीजों को रक्त की एक बूंद के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। तीमारदार मरीजों का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। हैरत तो यह है कि प्रशासन भी ब्लड बैंक की सुध तक नहीं ले रहा है। आईजीएमसी में काफी ज्यादा मरीज उपचाराधीन है। वैसे तो तीनों सरकारी अस्पताल केएनएच (KNH), डीडीयू (DDU) व आईजीएमसी (IGMC) में रक्त की कमी चल रही है, लेकिन आईजीएमसी में सबसे ज्यादा दिक्कत है।
कई बार अगर आपातकालीन स्थिति में भी मरीजों को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो चिकित्सक स्पष्ट शब्दों में कहते है कि हमारे पास रक्त उपलब्ध नहीं है। आपको रक्त देने के लिए डोनर लाना होगा, लेकिन मरीजों के साथ आए तीमारदार उसी वक्त रक्त देने के लिए डोनर भी नहीं ला पाते है, क्योंकि यहां पर प्रदेश के कोने कोने से मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं। वैसे तो प्रशासन अस्पताल में हर सुविधा देने के दावे करता है, लेकिन इन दिनों सब दावे खोखले नजर आ रहे हैं।
प्रशासन द्वारा न तो कोई ब्लड कैंप लगाए जा रहे हैं और न ही यह कहते है कि अस्पताल में ब्लड नहीं है। इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। यहां पर कई बार मरीजों के ऑपरेशन तक रुक जाते हैं।
उधर आईजीएमसी की प्रिंसिपल डॉ. सीता ठाकुर ने बताया कि अस्पताल में मरीजों को कोई दिक्कत नहीं आने दी जा रही है। वैसे अस्पताल में कई बार मरीजों की संख्या बढ़ने के चलते कुछ प्रतिशत रक्त की कमी तो रहती है, लेकिन हमारे पास आपातकाल से निपटने के लिए हमेशा ही रक्त उपलब्ध होता है। अस्पताल में रक्त की कमी को जल्द से दूर किया जाएगा।