ज्वाली ब्यूरो, 29 नवंबर: वन्य प्राणी विभाग की सख्ती के बाद भी साधन संपन्न लोगों ने पौंग झील किनारे खाली पड़ी वन्य प्राणी विभाग की जमीन को कुरेद डाला है लेकिन साधन संपन्न लोगों पर कार्रवाई करने में वन्य प्राणी विभाग सहित प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। साधन संपन्न लोगों पर राजनीतिक नेताओं का संरक्षण है जिस कारण वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी/कर्मचारी कार्रवाई करने से कतराते हैं।
साधन संपन्न लोग भी यही कहकर अधिकारियों, कर्मचारियों को डराते-धमकाते हैं कि हमें साहब ने हल चलाने को बोला है लेकिन साहब कौन हैं, यह कोई नहीं बताता है। साधन संपन्न लोग यह कह रहे हैं कि वन्य प्राणी विभाग कुछ भी सख्ती कर ले लेकिन हम बिजाई हरसूरत में करेंगे, भले ही विभाग केस कर दे। वन्य प्राणी विभाग हर साल यही कहता है कि वन्य प्राणी विभाग किसी को झील किनारे खेती नहीं करने देगा लेकिन सख्ती के बाद भी साधन संपन्न लोग झील किनारे हल चलाकर जमीन को कुरेद रहे हैं।
फसल की आड़ में प्रवासी पक्षियों का शिकार किया जाता है तथा फसल में डाले जाने वाले कीटनाशक झील के पानी को जहरीला करते हैं जिससे मछलियां मर जाती हैं। पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा ने कहा कि वन्य प्राणी विभाग की मिलीभगत से झील किनारे खेती हो रही है। तारों व बाड़ को विभाग द्वारा उखाड़ा नहीं गया है। विभाग को अपनी हदबन्दी तक तारबंदी करनी चाहिए ताकि कोई भी ट्रेक्टर अंदर न जा सके तथा हल चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि झील किनारे किसी को भी खेती नहीं करने दी जाएगी तथा अगर कोई ट्रेक्टर खेती करता पाया गया तो ट्रेक्टर को जब्त करने के अलावा ट्रेक्टर चालक व मालिक के खिलाफ़ केस दर्ज किया जाएगा।