Rahul Gandhi: मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 4 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

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Rahul Gandhi: Supreme Court's big decision in Modi surname case, next hearing will be on August 4
राहुल गांधी 

मोदी सरनेम मामले में दोषी कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बता दे राहुल ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने मामले में गुजरात सरकार, पूर्णेश मोदी और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया है और दस दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है।

पूर्णेश मोदी के वकील ने कही ये बात

पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि मुझे जवाब दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का वक्त चाहिए. इस पर जस्टिस गवई ने कहा- मुझे नहीं लगता कि जवाब दाखिल करने की जरूरत है. कोर्ट का आदेश 150 पन्नों का है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।

राहुल गांधी के वकील ने रखा ये पक्ष

राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि राहुल ने मौजूदा संसद सत्र समेत संसद के 122 दिन गंवा दिए हैं. चुनाव आयोग किसी भी वक्त वायनाड चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है. कृपया मुझे अंतरिम रोक या सुनवाई के लिए जल्द से जल्द संभावित तारीख प्रदान करें. इस पर जस्टिस गवई कहते हैं कि मेरे पिता 40 साल तक कांग्रेस से जुड़े रहे, वह सांसद थे, मेरे भाई अब भी कांग्रेस में हैं. अब आप ही तय करें कि मुझे इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए या नहीं।

2019 में चुनाव प्रचार के दौरान दिया था बयान
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में कहा था, “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का उपनाम आम क्यों है. सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है. राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. अपनी शिकायत में भाजपा विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कथित तौर पर यह कहकर पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया था कि सभी चोर क्यों हैं क्या आपका उपनाम मोदी है।

सेशन कोर्ट ने दो साल की सुनाई सजा

बता दें कि 23 मार्च को सूरत की सेशन कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया था. इसके साथ ही, उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई. इसके बाद, राहुल ने गुजरात HC में याचिका दायर कर निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका खारिज होने के बाद राहुल ने सजा पर रोक लगाने से इनकार करने वाले गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मामला दायर किया।

दोषसिद्धि बरकरार न रहने के कारण राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई. इस मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी से पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी. पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि कोर्ट उनका पक्ष सुने बिना कोई आदेश न दे।

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