न्यूज अपडेट्स
शिमला,22 जुलाई : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। इसमें पीडब्ल्यूडी (PWD) को लगभग 2 हज़ार करोड़ रुपए की क्षति हुई है। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री (public works minister) विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और एनएचएआई (NHAI) के अधिकारियों से हिमाचल प्रदेश में हुए नुकसान को लेकर जानकारी दी है। विक्रमादित्य सिंह ने पुनर्निर्माण कार्यों के लिए केन्द्र सरकार से खुलकर हिमाचल के लिए मदद का आग्रह किया है।
शिमला में पत्रकार वार्ता में विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का हिमाचल में पुलों के पुनर्निर्माण के लिए भारत सेतु योजना (Bharat Setu Yojana) के तहत 300 करोड़ की राशि देने के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही क्षतिग्रस्त एनएच (NH) के कार्यों में तेजी लाने का केंद्रीय परिवहन मंत्री से आग्रह किया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदा से बड़ा नुकसान हुआ है। इसके लिए अवैध खनन (Illegal mining) भी बड़े स्तर पर जिम्मेदार है।
हालांकि भारी बारिश से हिमाचल में तबाही हुई है, लेकिन बेतरतीब निर्माण और अवैध खनन की वजह से तबाही ज्यादा हुई है, जिसे लगाम लगाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की प्राकृतिक आपदा नुकसान को कम किया जा सके। पूर्व की भाजपा सरकार ने खनन माफिया को संरक्षण देने का काम किया है, लेकिन वर्तमान सरकार इसको लेकर गंभीर है।
वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने अधिकारियों को लक्ष्मण सीमा न लांघने की चेतावनी देते हुए कहा कि अधिकारियों के लिए उनके मन में मान-सम्मान है। अधिकारी और सरकार के बीच में समन्वय जरूरी है, लेकिन कुछ अधिकारी लक्ष्मण रेखा लांघने की कोशिश कर रहे हैं और इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मामले को सीएम के समक्ष भी उठाया जायेगा।
हिमाचल प्रदेश में रहकर अधिकारी प्रपोजल (proposal) तैयार करते हैं और परवाणू में हिमाचल की सीमा पार करते-करते प्रपोजल को बदल दिया जाता है जो बर्दाश्त नहीं होगा। चुने हुए प्रतिनिधि को दरकिनार कर अधिकारी सरकार चलाने की कोशिश न करें। अफसरशाही सरकार को यह नहीं बताएंगी कि क्या करना है और क्या नहीं।