हिमाचल: आपदा से 4000 करोड़ रुपए का नुकसान, केंद्र सरकार से राहत पैकेज की मांग

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Himachal: Loss of Rs 4000 crore due to disaster, demand for relief package from central government
सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला हमीरपुर के नादौन से राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और सभी संबंधित प्राधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण 17 लोगों की मृत्यु हो गई है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों, बिजली के ट्रांसफार्मरों व विद्युत उप-केंद्रों और जल आपूर्ति परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। इस आपदा के कारण लोगों का जनजीवन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है और प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार प्रदेश को लगभग 3000 करोड़ से 4000 करोड़ रुपए तक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने लगातार बारिश से हुए नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में समिति की बैठक बुलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी उपायुक्तों को आगामी 10 दिनों तक सतर्क रहने और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने भूस्खलन और बाढ़ से हुई जान-माल की हानि पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस विकट स्थिति से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित बचाव अभियान शुरू किए गए और समय पर आपदा प्रबन्धन कर, कई अमूल्य जीवन बचाए गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से राहत और बचाव कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों को शामिल करने के लिए कहा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति तत्काल बहाल करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को दैनिक जीवन में किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने विभिन्न जगहों पर फंसे हुए लोगों की सुविधा के लिए क्षतिग्रस्त पुलों के स्थान पर बेली ब्रिज के निर्माण के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम ठीक होने पर हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में फंसे लगभग 300 पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को निकालने के प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने प्रदेश में फंसे पर्यटकों की राज्यवार सूची तैयार करने के अलावा इन लोगों के ठहरने, भोजन और दवाओं इत्यादि सहित आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में भारी तबाही और जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा है।

मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार प्रभावितों की सहायता के लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का जायजा लेंगे।

मुख्यमंत्री ने सेब सीजन के दृष्टिगत इन उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की शीघ्र बहाली पर बल दिया ताकि सेब फसलों का सुचारू परिवहन सुनिश्चित कर, सेब उत्पादकों को नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने परवाणु-रोहड़ू, ठियोग से रामपुर, छैला से कुमारहट्टी सड़कों और अन्य सेब उत्पादन  क्षेत्रों की सड़कों को खुला रखने और मलबा हटाने के लिए अतिरिक्त मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन क्षेत्रों में तत्काल सड़क सुधार के लिए 4 करोड़ रुपए आबंटित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान छह मौतों की सूचना के उपरांत इस यात्रा को शेष सीजन के लिए रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

इस वर्चुअल बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।

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