मंडी: जल शक्ति विभाग बग्गी के 80 पार्टटाइम वर्करों को दिखाया बाहर का रास्ता, परिवार चलाना हुआ मुश्किल

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जलशक्ति विभाग बग्गी के पार्टटाइम पर रखे सभी कर्मचारियों को विभाग ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ये कर्मचारी 31 मार्च से बेरोजगार हो गए हैं तथा उन्हें अब अपना परिवार चलाने के लिए कोई सहारा नहीं मिल रहा है। कर्मचारी जल शक्ति विभाग से रोजगार की गुहार लगा रहे हैं। ये सभी शिमला क्लीनवेज कंपनी के तहत कार्य कर रहे थे। हिमाचल में इस तरह के 2,200 कर्मचारी इस कंपनी के तहत कार्यरत थे, जिन्हें 31 मार्च के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

जल शक्ति विभाग बग्गी ने ऑनलाइन टेंडर कर ठेकेदारों को कार्य दे दिया है तथा इन पुराने लोगों को रखने की हिदायत दी है, लेकिन इन लोगों का आरोप है कि उन्हें बहुत कम पैसे पर ठेकेदार रखना चाह रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से गुहार लगाई है कि उनके बारे में तुरंत सोचा जाए। बग्गी पार्ट टाइम वर्कर्स के प्रधान करमचंद ने बताया कि वे एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।

उनका सपना था कि वह जल्द ही पक्के होंगे, लेकिन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। कर्मचारियों में करमचंद, राजेश कुमार, नरेंद्र कुमार, ललित सिंह, भूपेंद्र सिंह, व्यास देव सुरजीत कुमार्र, योगराज, कपिल, व्यास देव, जितेंद्र, सुरजीत कुमार, दिनेश, जितेंद्र, पवन कुमार, हंसराज विजय कुमार, नरेश, कुमार ने गुहार लगाई है कि सरकार उनकी जल्द सुध ले।

इस बारे में जलशक्ति विभाग के एक्सईएन प्रवीण कुमार गुप्ता ने बताया कि पूरे हिमाचल में 30 मार्च के बाद इन कर्मचारियों को एक्सटेंशन नहीं दी गई है और किसी भी कर्मचारी को नहीं रखा गया है। बग्गी विभाग में तीन ठेकेदारों को ऑनलाइन टेंडर के तहत कार्य दे दिए गए हैं। कुछ ठेकेदारों ने बिल और रेट भरे हुए हैं तथा वह कम पैसे दे रहे हैं। विभाग में सरकार की ओर से 5,000 नई पोस्ट भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जैसे ही यह भर्तियां होंगी, ठेकेदारों के कार्य बंद कर दिए जाएंगे।

छह घंटे के बजाए प्रदेशभर में 8 से 10 घंटे ड्यूटी दे रहे मल्टीपर्पस वर्कर

छह से आठ घंटे ड्यूटी के बजाए प्रदेशभर में 8 से 10 घंटे ड्यूटी देने के लिए मल्टीपर्पस वर्कर मजबूर हैं। इसके बावजूद इन कर्मचारियों को नाममात्र वेतनमान 4,400 रुपये ही मिल रहा है। इससे इन कर्मचारियों को अपने परिवारों का भरण पोषण करने में परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। मल्टीपर्पस वर्करों ने अन्य विभागों में अनुबंध कर्मचारियों की तरह ही मासिक वेतनमान देने और नियमित करने की मांग उठाई है।

मल्टीपर्पस वर्करों दीपक कुमार, अमन चंद्रा, मयंक, पप्पू राम, कुुशल, राहुल कुमार, गगन कुमार, बिटटू, ऋतिक, पंकज कुमार, अक्षय ने बताया कि प्रदेशभर में जलशक्ति विभाग की ओर से पैरा नीति के तहत साल 2020-21 में अमूमन पांच हजार मल्टीपर्पस वर्कर नियुक्त किए। बताया कि पैरा नीति के तहत मल्टीपर्पस की तैनाती छह घंटे के लिए हुई थी। जबकि, मल्टीपर्पज वर्करों को आठ से दस घंटे सेवा देनी पड़ रही है।

इसकी एवज में 3,900 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाता था। बताया कि मार्च 2023 के बजट सत्र में 500 रुपये की बढ़ोतरी के साथ अब वेतन 4,400 हो गया है। उन्होंने मल्टीपर्पज वर्करों के मानदेय में वृद्धि करने पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू समेत समस्त मंत्रियों का आभार व्यक्त किया है। बताया कि महंगाई के इस दौर में इतने वेतनमान से उन्हें परिवारों के भरण पोषण की चिंता सताती रहती है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर प्रदेेश के जलशक्ति विभाग में रखे गए मल्टीपर्पस वर्करों की तैनाती आठ घंटे करने और अन्य विभागों की तर्ज पर उन्हें अनुबंध पर लाकर नियमित करने की मांग उठाई है।

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