हिमाचल में आज भी कई ऐसे दुर्गम क्षेत्र हैं, जहां कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी जानने से कतराते हैं। वहीं नेता भी जो उनके खिलाफ कार्य करते हैं, ऐसे कर्मचारियों का दुर्गम क्षेत्रों में तबादला कर देते हैं। लेकिन इस सब के बीच हिमाचल की एक ऐसी भी अधिकारी है, जिसने सरकार से ऐसे ही एक दुर्गम क्षेत्र चंबा जिला के पांगी क्षेत्र में जाने की इच्छा जताई थी।
सुक्खू सरकार ने मानी रितिका की इच्छा
वहीं हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने भी उसकी इच्छा का सम्मान करते हुए उन्हें पांगी भेज दिया है। हम बात कर रहे हैं 2019 बैच की यंग आईएएस अधिकारी और मंडी सदर की एसडीएम रितिका जिंदल की। आज प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रशासनिक अधिकारियों के तबादला आदेशों में रितिका जिंदल का तबादला चंबा जिला के दुर्गम क्षेत्र पांगी में बतौर रेजिडेंट कमीशनर के रूप में किया है।
शेष दुनिया से छह माह कटा रहता है पांगी क्षेत्र
बता दें कि चंबा जिला का यह क्षेत्र सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी के चलते शेष दुनिया से 6 माह के लिए पूरी तरह से कट जाता है। ऐसे में इस क्षेत्र में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं जाना चाहता है। लेकिन आईएएस रितिका जिंदल ने इस क्षेत्र में जाने के लिए खुद ही सरकार से सिफारिश की थी। जिसके चलते अब उनका तबादला पांगी के लिए हुआ है।
सरकार ने मांगा था विकल्प, मैंने पांगी चुना
आईएएस रितिका जिंदल ने बताया कि तबादला आदेशों से पहले सरकार कुछ स्थानों का विकल्प मांगती है। जब सरकार ने मुझसे पांगी में सवाएं देने के बारे में पूछा, तो मैंने तुरंत हां कर दी। रितिका ने बताया कि ऐसे भी किसी कर्मचारी को ट्राइबल क्षेत्रों में सेवाएं देना अनिवार्य होता है। इसलिए ही मैंने इस विकल्प को चुना।
सरकार जहां भेजे वहीं काम करूंगी
वहीं रितिका ने यह भी कहा कि हमें काम करना है, वह चाहे जहां भी करना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार जहां भी भेजे मैं वहीं पर काम करने में खुश हूं। रितिका ने बताया कि मंडी में बतौर एसडीएम का कार्यकाल काफी अच्छा रहा। अन्य स्टॉफ के साथ साथ लोगों का भी सहयोग मिला। अब ट्राईबल क्षेत्रों की समस्याओं को करीब से समझने और उनके समाधान का मौका मिला है।
पंजाब के मोगा की रहने वाली है रितिका
बता दें कि 2019 बैच की आईएएस अधिकारी रितिका जिंदल पंजाब के मोगा की रहने वाली हैं। रितिका जिंदल मात्र 22 वर्ष की आयु में आईएएस बन गई थी। जब रितिका आईएएस की तैयारी कर रही थी तो उस वक्त उनके पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। रितिका ने विपरित परिस्थितियों से जूझते हुए आईएएस की तैयारी की और इस परीक्षा को पास किया।