हिमाचल सरकार करेगी अस्थाई शिक्षकों की भर्ती, मेरिट के आधार पर होगा चयन

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हिमाचल में कांग्रेस की सरकार एक तरफ जहां एक साल में एक लाख नौकरियां देने का वादा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल के स्कूलों में दो से तीन साल के लिए हजारों अस्थायी शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है। इन शिक्षकों की भर्ती दो से तीन साल के लिए जनजातीय और दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों में की जाएगी। इन शिक्षकों की सेवाएं स्थायी शिक्षकों की भर्ती होने तक ली जाएंगी। 

सिर्फ शैक्षणिक योग्यता के आधार पर होगी भर्ती

इन शिक्षकों की भर्ती बिना साक्षात्कार के सिर्फ शैक्षणिक योग्यता के आधार पर की जाएगी। यह फैसला आज राज्य सचिवालय में उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में लिया गया है। बैठक में इन शिक्षकों की भर्ती के लिए एक नीति बनाई गई। इस नीति के तहत राज्य कैडर की शिक्षा निदेशक और जिला की भर्तियां उपनिदेशक करेंगे। 

शिक्षकों की नियुक्ति को बनाई जाएगी नीति 

जानकारी देते हुए कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने बताया कि हिमाचल के जनजातीय व दूरदराज क्षेत्रों में शिक्षकों के काफी संख्या में पद खाली हैंए जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। वहीं लोकसेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती में काफी समय लग जाएगाए इसलिए इन क्षेत्रों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नीति बनाने की योजना है।

आरक्षण रोस्टर और भर्ती पदोन्नति नियमों के आधार पर होगी भर्ती

इन शिक्षकों की भर्ती नियमित भर्तियों की तरह ही आरक्षण रोस्टर और भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के आधार पर होगी। हालांकि कैबिनेट सब कमेटी की बैठक एक बार फिर अगले दो दिन में बुलाई गई है। 

इसमे इस नीति को अंतिम रूप देकर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। भर्ती का फार्मूला तैयार होने के बाद जेबीटीए टीजीटीए सीएंडवी और प्रवक्ताओं की भर्तियां होंगी। जेबीटीए टीजीटीए सीएंडवी की भर्ती जिला स्तर पर होगी।

तीन साल बाद क्या इन शिक्षकों का भी आउटसोर्स की तरह होगा हाल

हर्षवर्द्धन चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि प्रवक्ताओं की भर्ती राज्य स्तर पर की जाएगी। भर्तियों में अभ्यर्थी के 10वीं, 12वीं और स्नातक में प्राप्त अंकों के साथ टेट की मेरिट देखी जाएगी। 

हिमाचल सरकार ने यहां यह नहीं बताया है कि दो से तीन साल तक इन शिक्षकों की सेवाएं लेने के बाद इनका आगे क्या होगा। क्या सुक्खू सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों की तरह इन शिक्षकों को भी दो से तीन साल बाद नौकरी से निकाल बाहर करेगी। अगर ऐसा होता है तो फिर सुक्खू सरकार के एक लाख नौकरियां देने के वादे का क्या होगा।

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