बिलासपुर के मंगरोट में धर्मशाला-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहा भूमि विवाद जल्द खत्म होने की उम्मीद है। शुक्रवार को सदर तहसीलदार की अगुवाई में राजस्व विभाग की टीम ने विवादित भूमि की निशानदेही की है।
निशानदेही के दौरान राजमार्ग की भूमि पर दावा करने वाले स्थानीय निवासी राजनकांत और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। निशानदेही के बाद दोनों पक्षों ने अपनी संतुष्टि जताई। वहीं, तहसीलदार दो दिन में रिपोर्ट बनाकर एसडीएम को सौंपेगे। इसके बाद तय होगा कि राष्ट्रीय राजमार्ग की भूमि किसकी है। हालांकि राजनकांत ने दावा किया है कि जहां उसने खोखा लगाया था, निशानदेही में वह भूमि उसकी निकली है। राजनकांत ने बताया कि निशानदेही से संतुष्ट हैं। जिस तरह से निशानदेही चाहते थे, उसी तरह प्रशासन ने निशानदेही की है। प्रशासनिक अधिकारियों ने निशान लगाकर बने बना दिए हैं। अंतिम रिपोर्ट में भी राजमार्ग की भूमि उसकी ही निकलेगी।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय के आदेश पर मंगरोट में राजमार्ग के किनारे से राजनकांत के खोखे को हटाया गया था। इसके बाद से यह भूमि विवाद शुरू हो गया। राजनकांत ने तब राजमार्ग उसकी भूमि से होकर गुजरने का दावा कर उस पर खोखा लगा दिया, जिसे हटाने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। मामले कोई परिणाम नहीं निकले पर राजनकांत ने मार्च माह फिर सडक़ पर खोखो लगा दिया। तब प्रशासनिक अधिकारियों ने निशानदेही करने का आश्वासन पर राजनकांत ने खोखा हटाया था।
उधर, तहसीलदार सदर वीना ठाकुर ने बताया कि ने बताया कि मंगरोट में राजमार्ग की निशानदेही की गई है। दो दिन में रिपोर्ट बना कर उच्चाधिकारियों को दी जाएगी।