आज बिलासपुर प्रशासन ने एसडीएम सदर के आदेशों पर बिना कार्यवाही किए और कोर्ट ऑर्डर के वह खोखा वहां से हटा दिया। आपको बता दें कि पीड़ित व्यक्ति के 27 नवंबर को यहां इस स्थान पर अपनी जमीन बताते हुए खोखा लगाया था और अपनी रोजी रोटी कमाने में जुट गया था। प्रशासन और पुलिस ने खोखा खोलते ही व्यक्ति को परेशान करना शुरू कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक बिलासपुर प्रशासन 1 दिसंबर रात को लगभग 9 बजे पुलिस दल के साथ मौके पर आया था और वहां से खोखा हटाने की कोशिश की थी। जबकि भारतीय कानून के मुताबिक पुलिस सूर्य अस्त होने के बाद किसी भी महिला को पकड़ने, पूछताछ करने या कोई भी जांच करने रात को नही जा सकती। लेकिन बिलासपुर पुलिस कानून के विरुद्ध रात को नौ बजे महिला से बहस करती नजर आई थी। जिसका लाइव वीडियो फेसबुक पर वायरल हो रहा है।इस मामले में पीड़ित महिला और उसके बेटे का कहना है कि यह जमीन उनकी है। लोक निर्माण विभाग ने यहां अवैध रूप से नेशनल हाईवे का निर्माण कर रखा है। जोकि सरासर गलत है। उसका कहना है कि जब यह जमीन उनकी है तो प्रशासन उनको ऐसे कैसे हटा सकता है।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिमाचल में हजारों लोग ऐसे है, जिनकी जमीनों पर सरकारी विभाग का कब्जा है। लेकिन इस बारे किसी सरकार ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके चलते हिमाचल के गरीबों का शोषण दशकों से हो रहा है और यही हमारे साथ भी हुआ है।इस मामले में सबसे बड़ा सवाल बिलासपुर प्रशासन पर उठता है कि बिना कोर्ट ऑर्डर प्रशासन किसी महिला की निजी जमीन से कब्जा कैसे हटा सकता है। जबकि बिना कोर्ट ऑर्डर इस तरह की कानूनी कार्यवाही करना गैर कानूनी और असंवैधानिक है।
इस मामले में पीड़ित महिला का कहना है कि वह इस मामले को हिमाचल हाई कोर्ट में लेकर जायेगी और प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही करवाएगी। इस मामले में जब हमारी टीम ने एसडीएम सदर बिलासपुर को कॉल किया तो उन्होंने कॉल नही उठाई।