बिलासपुर, 11 अक्तूबर - हिमाचल प्रदेश की सबसे हॉट सीट बिलासपुर सदर विधानसभा क्षेत्र बनती नजर आ रही है क्योंकि इस सीट से बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था और आज छोटे से प्रदेश से संबंध रखने के बाबजूद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक का सफर तय किया है।
जेपी नड्डा इस सीट से जीत कर हिमाचल प्रदेश में दो बार कैबिनेट मंत्री, एक बार नेता प्रतिपक्ष के पद पर आसीन हो चुके हैं। वन मंत्री का कार्यभार मात्र दो साल संभालने के बाद नड्डा प्रदेश की राजनीति को अलविदा करने के उपरांत केंद्र की राजनीति में चले गए थे क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ गहरे मतभेद पैदा हुए थे। आज सदर बिलासपुर विस क्षेत्र में जनता में सबसे बड़ी पैठ रखने वाला कांग्रेस पार्टी संबंधित नेता अगर कोई है तो वह बंबर ठाकुर है, जो सदर विधानसभा से पूर्व विधायक रह चुके हैं। गत पांच वर्षों के दौरान बंबर ठाकुर ने सदर बिलासपुर में विपक्ष में रहते हुए जोरदार विपक्ष का रोल अदा किया है तथा निरंतर सदर बिलासपुर की जनता के बीच में उपस्थित रहे हैं।
कोरोना काल में भी बंबर ठाकुर ने विधानसभा क्षेत्र की जनता की लगातार मदद की और जरूरतमंद लोगों को मास्क, दवाइयां, राशन और दूसरी जरूरत की चीजें मुहैया करवाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। आलम ये हो गया था कि बंबर ठाकुर लगातार लोगों को जरूरत की वस्तुएं मुहैया करवाते रहे और सत्ता पक्ष में भी खलबली मच गई थी कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस नेता लोगों के बीच पैठ बनाने में कामयाब हो रहे हैं। सरकार के इशारे पर कोविड नियमों का हवाला देते हुए बंबर ठाकुर पर मुकद्दमा दर्ज करने की भी कोशिश हुई थी लेकिन उन्होंने लोगों को जरूरत की चीजें मुहैया करवाना जारी रखा था।
अब चुनाव आने पर जिला के दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के दो स्थापित नेता टिकट आबंटन में बंबर ठाकुर का विरोध कर रहे हैं और बीजेपी से कांग्रेस पार्टी में आए सुरेश चंदेल को टिकट देने की वकालत कर रहे थे लेकिन उनका विरोध उस वक्त उपहास बनकर रह गया जब सुरेश चंदेल कांग्रेस पार्टी छोड़ कर दोबारा भाजपा में वापसी कर गए। जनता को भी मालूम है कि सुरेश चंदेल ने पांच साल विस क्षेत्र में जनता की कोई सुध नहीं ली तथा पेरासुटी नेता के तौर पर टिकट हथियाना चाहा था लेकिन सर्वे रिपोर्ट में भी सुरेश चंदेल जिताऊ प्रत्याशी नहीं लग रहे थे, बाबजूद उसके उनको टिकट देने की वकालत जिला के दो नेता कर रहे थे।
बंबर ठाकुर जिताऊ प्रत्याशी के तौर पर सर्वे रिपोर्ट में भी शीर्ष पर हैं, लेकिन दूसरे विस क्षेत्र के नेताओं के विरोध कारण बने क्योंकि ये विधानसभा क्षेत्र बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का गृह विस क्षेत्र है। अगर बंबर ठाकुर इस सीट पर जीतकर आते हैं तो पूरे देश में उनकी काबिलियत का डंका बजेगा तथा एक हीरो के तौर पर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भविष्य में यह भी हो सकता है कि इस जीत के बाद कांग्रेस पार्टी केंद्रीय हाई कमांड का वरदहस्त भी बंबर ठाकुर पर विशेष तौर पर हो तथा केंद्रीय संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी उनको मिल जाए।
प्रथम दृष्टया यही बात दोनो स्थापित नेताओं को अंदरखाते परेशान कर रही है कि इस जीत के उपरांत बंबर ठाकुर का राजनीतिक कद उनको सुपरसीड करके ऊंचाई पर पहुंच सकता है। यही कारण है कि सदर बिलासपुर से बंबर ठाकुर के टिकट का विरोध वरिष्ठ नेता कर रहे हैं और कमजोर प्रत्याशी को टिकट दिलाकर सीट बीजेपी की झोली में डालने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
यह विरोध केवल वर्चश्व की लड़ाई के चक्कर में सदर सीट को बीजेपी की झोली में डालने का षड्यंत्र मात्र है और इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कुछ नेताओं की सांठगांठ चल रही हो ताकि अपने विस क्षेत्र में उनके खास समर्थकों की वोट खुद को ली जाए तथा नड्डा के गृह विस क्षेत्र सीट को बीजेपी की झोली में डाल कर जेपी नड्डा के राजनीतिक कद को बरकरार रखा जाए।