परवाणु : टिम्बर ट्रेल रिसॉर्ट की केबल कार की ट्रॉली अभी हवा में ही लटकी रहेगी। केबल कार के एरिया को सील कर दिया गया है। यही कारण है कि मंगलवार को दोनों ट्रॉलियों को निकालने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। मैजिस्ट्रेट जांच पूरी होने के बाद ही इन दोनों ट्रॉलियों को निकालने का प्रयास होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद एडीसी सोलन जफर इकबाल को जांच सौंपी गई है। वह जल्द ही तकनीकी एक्सपर्ट टीम के साथ मौके का निरीक्षण करेंगे।
यह पता लगाया जाएगा कि रोपवे में अचानक तकनीकी खराबी आने के क्या कारण रहे। टिम्बर ट्रेल में करीब 30 साल बाद एक बार फिर सोमवार को केबल कार में अचानक तकनीकी खराबी आने के कारण 11 लोगों की जान हवा में अटक गई थी। केबल की दोनों ट्रॉलियां रोपवे में फंस गई थीं। 14 अक्तूबर, 1992 को भी कुछ ऐसा ही हुआ था जब केबल कार बीच रास्ते में ही रुक गई थी। उस समय भी एक बच्चे समेत 11 लोग कार में सवार थे।
मैंटीनैंस को लेकर उठ रहे कई सवाल
केबल कार में तकनीकी खराबी आने के बाद इसकी मैंटीनैंस को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। इस पूरे मामले को कथित लापरवाही से भी जोड़कर देखा जा रहा है। वर्ष 1992 के हादसे के बाद केबल कार को लेकर जो नियम व गाइडलाइन जारी हुई होगी, कहीं न कहीं उनकी अनदेखी हुई है। यह ट्रॉली ऐसी जगह पर फंसी हुई थी, जिसकी जमीन से हाइट करीब 90 फुट थी।
इस रोपवे की कई जगह जमीन से ऊंचाई करीब 5 हजार फुट के आसपास भी है। ऐसी जगह पर इस प्रकार की कोई घटना हो जाए तो यह मामला काफी बड़ा हो सकता था। इसलिए ऐसा जोखिम फिर से नहीं लिया जा सकता। मैजिस्ट्रेट जांच में इन सभी पहलुओं को बारिकी से देखा जाएगा। भविष्य में क्या उपाय करने होंगे। इसको लेकर भी सरकार को रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी।
पुलिस ने टिम्बर ट्रेल प्रबंधन के खिलाफ किया मामला दर्ज
पुलिस ने टिम्बर ट्रेल रिजॉर्ट की रोप-वे में अचानक रुकी ट्रॉली मामले में रिजॉर्ट प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। एसपी सोलन ने इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी एएसपी सोलन अशोक वर्मा को सौंपी है। जांच में जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसपी सोलन वीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। एएसपी सोलन इस पूरे मामले की जांच करेंगे। उधर, एडीसी सोलन जफर इकबाल ने बताया कि जल्द ही पूरे मामले की जांच होगी। तकनीकी एक्सपर्ट टीम के साथ मौके का निरीक्षण किया जाएगा। पता लगाया जाएगा कि चूक कैसे हुई है। फिलहाल इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता।