सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों पर रोक लगा दी है. राजद्रोह में बंद लोग बेल के लिए कोर्ट जा सकते हैं. कोर्ट ने कहा है कि नई एफआईर होती है तो वह कोर्ट जा सकते हैं. इसका निपटारा जल्द से जल्द कोर्ट करें. चीफ जस्टीस ने कहा है कि केंद्र सरकार कानून पर पुनर्विचार करेगी .
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एसजी ने कहा कि हमने एक प्रस्ताव तैयार किया है. हम एक संज्ञेय अपराध को नहीं रोक सकते जो कि किया जाएगा. लेकिन हमने एक प्रोपोजल तैयार किया है. एफआईआर तभी दर्ज हो, जब एसपी स्तर के अधिकारी या उससे ऊपर के अधिकारी को लगता है कि राजद्रोह का आरोप लगाया जाना चाहिए.
एसजी ने कहा कि आप निर्देश दे सकते हैं कि जमानत के आदेश पर शीघ्र निर्णय लिया जाए. लेकिन इससे परे एक ऐसे कानून पर बने रहना गलत होगा, जिसकी संवैधानिकता को पहले ही आंका जा चुका है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इसका विरोध जताया.