बिलासपुर: सदर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने रोजगार पर्व के आयोजकों से सवाल किया है कि वह उस सूची को सार्वजनिक करें जिसमे यह पता चल सके कि बिलासपुर के किन-किन युवाओं को , कितने पैकेज पर ,किन-किन कंपनियों में रोजगार दिया गया है।
बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इस रोजगार मेले में भेदभाव बरता गया है। आम जनता तथा कांग्रेस से संबंधित बेरोजगारों को बाहर रखा गया।
उन्होंने कहा कि इसके लिए भाजपा ने अपने मतदान केंद्र तक के युवाओं को पंजीकरण के लिए लगा रखा था जिन्होंने भेदभाव बरता और केवल भाजपाइयों के ही बच्चों को पंजीकृत किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के पदाधिकारियों और चहेतों के बच्चों को ही बड़े-बड़े पैकेज मैं नौकरी दिलाई गई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा वास्तव में अपने सुपुत्र हरीश नड्डा को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं इसीलिए इस तरह का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि अगर नड्डा परिवार को बेरोजगारों की इतनी ही चिंता थी तो 1993 से वह सदर के विधायक बन रहे हैं उस समय से लेकर आज तक इस तरह का रोजगार पर्व क्यों आयोजित नहीं किया गया।
बंबर ठाकुर ने कहा कि अब चुनावों को 6 महीने का समय बाकी रहा है तो उस समय नड्डा परिवार को बेरोजगारों की याद क्यों आई। उन्होंने यह भी कहा कि इस रोजगार मेले में बिलासपुर में काम कर रही मल्टीनेशनल कंपनियों में से किसी को भी नहीं बुलाया गया जो कि अपने आप में एक प्रश्न पैदा करता है।
ठाकुर ने कहा कि फोरलेन का निर्माण कर रही गावर कंपनी, ए सी सी, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक, अंबुजा, एम्स तथा हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज को इस रोजगार मेले में क्यों नहीं बुलाया गया। इसका भी जवाब आयोजकों को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मल्टीनेशनल कंपनियों में आज तक बिलासपुर के एक भी युवा को रोजगार नहीं दिया गया है और इसे वह सरकार की विफलता ही कहेंगे ।
उन्होंने कहा कि युवाओं को 8000 और 10000 रुपयों के महीने के पैकेज देकर बेंगलुरु और नोएडा बुलाया गया जहां इतनी कम राशि में गुजारा हो ही नहीं सकता। इस तरह से यह रोजगार पर पूरी तरह से जनता की आंखों में धूल झोंकना, अपने सुपुत्र को लॉन्च करना और भाजपा पदाधिकारियों के बच्चों को स्थापित करने के सिवा और कुछ नहीं था । उन्होंने कहा कि बीबीएमबी ने बिलासपुर को उजाड़ा है। लेकिन उसके बदले में आज तक कुछ भी बिलासपुर को नहीं मिल पाया है।
इस रोजगार मेले में बीबीएमबी को क्यों नहीं बुलाया गया उन्होंने कहा कि बिना भेदभाव के अगर यह रोजगार मेला किया जाता तो वे उसका स्वागत करते। क्योंकि पिछले साढे 4 वर्षों में बिलासपुर जिले की एक भी युवा को वर्तमान सरकार नौकरी नहीं दे पाई है जो कि राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर जिला के नेतृत्व तक एक बहुत बड़ी विफलता कही जा सकती है।