प्राधिकरण से ज़ुड़े अधिकारियों का कहना है कि हर वर्ष महंगाई दर के अनुसार टोल टैक्स में भी बढ़ोतरी की जाती है। इस वृद्धि के लिए थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआइ) के आधार पर आकलन किया जाता है और उसी हिसाब से टैक्स बढ़ाने का फैसला किया जाता है। केंद्रीय परिवहन व सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों ने भी इसे सालाना होने वाली सामान्य प्रक्रिया बताया है। आमतौर पर टोल टैक्स दस से 18 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
कुंडली -मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) एक्सप्रेस-वे के साथ अन्य राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर टोल की दरें दस से 18 प्रतिशत तक बढ़ाई गई हैं। इससे कार-जीप, बस, ट्रक-कैंटर का भाड़ा भी बढ़ जाएगा। केएमपी एक्सप्रेस-वे पर हल्के वाहनों से 1.46 रुपये प्रति किलोमीटर से टोल लिया जा रहा था, जिसे अब 1.61 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से वसूला जाएगा। अन्य मार्गों पर भी टोल टैक्स बढ़ी दरों से वसूला जाएगा।