हिमाचल : प्रदेश को ‘जोइया मामा मान्दा नी’ का नारा देने वाले चार शिक्षकों की हुई ट्रांसफर

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नाहन : हाल ही में ओल्ड पेंशन की मांग को लेकर हिमाचल की राजधानी में जुटे जनसैलाब के बीच से पहाड़ी नारों की गूंज विधानसभा तक भी पहुंची। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खासी तल्खी दिखाई तो विपक्ष ने नारे लगाने वालों की हिमायत यह कहकर की कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था।

अब ये जानकारी सामने आई है कि सिरमौर के हलाहं स्कूल से तीन शिक्षकों के तबादले कोसों दूर कर दिए गए हैं। आदेश की प्रतिलिपियां भी सोशल मीडिया में वायरल होती नजर आ रही हैं। हलाहं स्कूल से दो टीजीटी व एक डीपीई की ट्रांसफर के आदेश जारी हुए हैं।

इसमें डीपीई को आज रिलीव करने की भी खबर है। दो के आदेश मंगलवार को जारी हुए।  डीपीई के आदेश उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा जारी किए गए हैं, जबकि हलाहं स्कूल के दो टीजीटी के आदेश प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशालय से जारी हुए हैं।

 बता दें कि डीपीई के तबादले की वजह प्रशासनिक कारण बताई गई है। ‘जोइया मामा मान्दा नी’ के नारे लगाने पर सिरमौर के एक ही स्कूल के तीन शिक्षकों पर गाज गिरी है, जबकि शिमला जिला के एक शिक्षक का तबादला किया गया है।

बड़ी बात ये भी है कि प्रारंभिक व उच्चशिक्षा निदेशकों ने आदेशों में तमाम पहलुओं का भी स्पष्टीकरण दिया है। मसलन, तबादलों पर प्रतिबंध में छूट की बात भी लिखी गई है। साथ ही ये भी हिदायत दी गई है कि आदेशों की पालना में कोताही पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जा सकती है।

डीपीई सुरेंद्र सिंह का तबादला हलाहं से मंडी के सलोठ स्कूल में किया गया है। शिमला जिला के शलोहा स्कूल से टीजीटी सुरेंद्र शर्मा को चंबा के बदग्रां स्कूल स्थानांतरित किया गया है। हलाहं स्कूल के टीजीटी आर्टस ओम प्रकाश का तबादला शिमला के शोली स्कूल में किया गया है।

 टीजीटी धर्म सिंह को हलाहं से शिमला के पीरन स्कूल में स्थानांतरित किया गया है। दिलचस्प बात ये भी है कि एक स्कूल से तीन शिक्षकों का तबादला एक खास वजह को लेकर किया गया है, लेकिन प्रारंभिक शिक्षा विभाग का उपनिदेशक कार्यालय अनभिज्ञ है।


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