जून तक 30 किमी लंबे इस पैच का काम पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने होली के दिन ट्वीट कर यह जानकारी दी है। मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नौ यातायात सुरंगें और 140 मीटर लंबा पुल सफर को और सुगम बनाएगा। टनलों को जोड़ने के लिए दो बड़े पुल बनाए गए हैं। वर्तमान में मंडी से टकोली के बीच अकसर पहाड़ दरकने से घंटों यातायात बाधित रहता है। इससे पर्यटकों, सेना और आम लोगों को कई प्रकार की दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। बाईपास का काम पूरा होने से लोगों को इस समस्या से निजात मिलेगी।
चीन-पाकिस्तान सीमा तक आसान होगी पहुंच, पर्यटन को लगेंगे पंख
फोरलेन के निर्माण से चीन की सीमा तक सेना की पहुंच आसान होगी। मंडी, कुल्लू, लाहौल स्पीति और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पर्यटन को नए पंख लगेंगे। अटल टनल रोहतांग के बाद सामरिक दृष्टि से करीब 195 किमी लंबा यह फोरलेन अहम होगा।
इससे मनाली से चंडीगढ़ की दूरी करीब 60 किलोमीटर कम होने से नौ घंटे का सफर मात्र पांच घंटे में तय होगा। नागचला से मनाली तक फोरलेन का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। दूसरे चरण के इस कार्य में 11 सुरंगों और 20 से अधिक पुलों का निर्माण होगा।
गडकरी ने किया ट्वीट
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर लिखा - हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग-21 चंडीगढ़-मनाली पर पंडोह बाईपास से टकोली तक फोरलेन का निर्माण 75 प्रतिशत पूरा हो गया है और तीव्र गति से कार्य चल रहा है। यह एक अत्याधुनिक परियोजना है। इस पैच में 9 आधुनिक सुरंगों और 140 मीटर लंबे बड़े पुल का निर्माण शामिल है। ब्यास नदी के किनारे बन रहा फोरलेन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
प्रथम चरण में 2022 तक लक्ष्य
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर लिखा - हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग-21 चंडीगढ़-मनाली पर पंडोह बाईपास से टकोली तक फोरलेन का निर्माण 75 प्रतिशत पूरा हो गया है और तीव्र गति से कार्य चल रहा है। यह एक अत्याधुनिक परियोजना है। इस पैच में 9 आधुनिक सुरंगों और 140 मीटर लंबे बड़े पुल का निर्माण शामिल है। ब्यास नदी के किनारे बन रहा फोरलेन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
प्रथम चरण में 2022 तक लक्ष्य
प्रथम चरण में कीरतपुर से नागचला तक करीब 84 किलोमीटर फोरलेन बन रहा है। प्रथम चरण में पांच यातायात सुरंगें और 22 बड़े पुल बन रहे हैं। इस चरण का काम दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अपने अधिकारिक पेज पर नितिन गडकरी इसकी जानकारी भी दे चुके हैं।
प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का कार्य सितंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। निर्माण कार्य दिन-रात प्रगति पर है और इसे समय पर पूरा करने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। चुनौतियों से पार पाते हुए कार्य को लगातार जारी रखा गया है।