सुझाव और आपत्तियों पर गौर करने के बाद प्रदेश में इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। आयोग ने प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 15, ग्रामीण में 20 और दुर्गम क्षेत्रों में 30 दिन में नया कनेक्शन देने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने डिस्ट्रिब्यूशन परफार्मेंस स्टैंडर्ड रेगुलेशन 2010 को संशोधित करते हुए हर्जाना राशि में बढ़ोतरी की है।
केंद्रीय नियामक आयोग ने देश भर में बिजली वितरण कंपनियों के प्रदर्शन का आकलन कनेक्शन के लिए लगने वाला समय, बिजली काटने, उसे जोड़ने, मीटर को दूसरी जगह लगाने, उपभोक्ता श्रेणी में बदलाव, क्षमता बढ़वाने में लगने वाले समय, खराब मीटर को बदलने में लगने वाले समय, समय पर बिल देने, वोल्टेज और बिल संबंधी शिकायतों के समाधान में लगने वाले समय के आधार पर करने का फैसला लिया है। केंद्रीय आयोग ने निर्धारित समय सीमा में सेवा न देने पर हर्जाना लगाने की व्यवस्था भी की है।
56 घंटों में बदलना होगा खराब, बंद और जला हुआ मीटर
56 घंटों में बदलना होगा खराब, बंद और जला हुआ मीटर
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बिजली के खराब, बंद और जले हुए मीटरों को शिकायत मिलने के 56 घंटों के भीतर बदलना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में यह सेवा 120 घंटों के भीतर देनी होगी। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी निर्धारित समय में सेवा नहीं दी तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ 150 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना लगाया जाएगा।
- सात दिन में मीटर शिफ्ट नहीं हुआ तो लगेगा प्रतिदिन 80 रुपये हर्जाना
- छह घटों से दो दिन में लो वोल्टेज समस्या दूर नहीं होने पर 20 रुपये प्रतिदिन घंटा की दर से लगेगा हर्जाना
- 24 घंटों में दूर करनी होगी बिजली बिल की समस्या। ऐसा नहीं करने पर 20 रुपये प्रतिदिन लगेगा हर्जाना
- कनेक्शन कटवाने या दोबारा जुड़वाने के लिए निर्धारित पांच दिन के बाद 80 रुपये प्रतिदिन लगेगा हर्जाना