बिलासपुर: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार हिट्लर शाही पर उतारू हो चुकी है। प्रदेश में सयुक्त कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों के जिस तरह तबादले किये गए हैं वह तुगलकी फरमानों से कम नहीं है।
संयुक्त कर्मचारी महासंघ में 21 विभागों के कर्मचारी और छोटे बड़े कर्मचारियों के 35 से ज्यादा कर्मचारी संगठनों के लोग जुड़े हुए हैं। जिसमें से उनकी मांग छठे वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों को दूर करने की थी और दूसरी मांग पुरानी पेंशन बहाली की थी। ऐसे में प्रदेश सरकार ने इस कर्मचारी महासंघ से जुड़े पदाधिकारियों के तबादले शिमला से चंबा, कांगड़ा, मंडी से जुब्बल और सिरमौर से शिमला किये गए है वह तर्कसंगत नहीं लगते।
राम लाल ठाकुर ने कहा कि वह मानते हैं कि कर्मचारियों के तबादले करना प्रदेश सरकार का अधिकार है लेकिन संयुक्त कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों के तबादले उनकी मांगों की एवज में किया जाना बिल्कुल भी प्रदेश सरकार का उचित कदम नहीं है और यह भावना प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता को नही दर्शाता है। जिस तरह से यह तबादले किए गए है उनसे साफ लगया है कि प्रदेश सरकार बदले की उत्कंठा को अपनाते हुए काम कर रही है।
लोकतंत्र में हर आदमी का अपनी सत्ता और शासक के पास मांग रखने का अधिकार है लेकिन उसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि कर्मचारियों के तबादले ऐसे किये जाएं कि उनको पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक झकजोरा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और प्रदेश सरकार के मुखिया को समझना चाहिए कि जिन 12 कर्मचारियों के तबादले बदले की भावना से किये हैं उनको तुरंत निरस्त किया जाए।