इस दौरान पुलिस-प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच में नोकझोंक के बीच धक्कामुक्की भी हुई। स्थानीय लोग इलाके में जलविद्युत प्रोजेक्ट लगाने का विरोध कर रहे हैं और मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
बताया जा रहा है कि अदालत के निर्देशों के विपरीत बुधवार को पुलिस, राजस्व विभाग और प्रोजेक्ट लगा रहे प्रबंधक मौके पर निशानदेही की कवायद शुरू करने पहुंच गए। ऐसे में ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनके लिए पेयजल और सिंचाई सुविधा की समस्या का स्थायी समाधान नहीं होता है तब तक प्रोजेक्ट का विरोध होगा।
प्रस्तावित जलविद्युत प्रोजेक्ट से प्रभावित हो रहे ग्रामीणों का पक्ष जानने के लिए पिछले दिनों एडीएम मंडी, तहसीलदार थुनाग और मुख्य अभियंता जल शक्ति विभाग सुंदरनगर ने सुराह गांव का दौरा किया था।
इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी थी। अब एक बार फिर प्रोजेक्ट निर्माण के लिए निशानदेही शुरू होने से खफा स्थानीय लोग इसका कड़ा विरोध जता रहे हैं। प्रोजेक्ट संघर्ष समिति के प्रधान कुशाल सिंह, भाग सिंह, इंद्र, कृष्णा, नोरता देवी ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि जब तक उनके लिए सिंचाई और पेयजल का उचित प्रबंध नहीं किया जाता तब तक विद्युत प्रोजेक्ट का विरोध जारी रहेगा। उधर, एसडीएम थुनाग पारस अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।