इसके चलते वह हाईकोर्ट में पेश नहीं हो पाए। अपने अधिवक्ता के माध्यम से ही कोर्ट में अपना पक्ष रखा। विजिलेंस और एसआईटी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
इसलिए उसकी जमानत रद्द की जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने जमानत रद्द करने की अर्जी को खारिज करते हुए आरोपी को 3 मार्च तक लंबी अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है। अब पॉजिटिव होने के कारण विजिलेंस और एसआईटी आरोपी से पूछताछ भी नहीं कर पाएगी।
इसलिए उसकी जमानत रद्द की जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने जमानत रद्द करने की अर्जी को खारिज करते हुए आरोपी को 3 मार्च तक लंबी अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है। अब पॉजिटिव होने के कारण विजिलेंस और एसआईटी आरोपी से पूछताछ भी नहीं कर पाएगी।
इससे यह मामला फाइलों में सिमटता नजर आ रहा है। विजिलेंस ने 31 दिसंबर को हाईकोर्ट में मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर जमानत रद्द करने की मांग उठाई थी। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत छह जनवरी तक बढ़ा ली थी।