संशोधित पे बैंड आठ की बजाय दो साल में देने की मांग पर अड़े साल 2015 के कांस्टेबलों और सरकार के बीच बात बिगड़ती जा रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश के बाद भी अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त के साथ पुलिस कर्मियों की बैठक न होने से कांस्टेबलों का पुलिस मेस में खाने का बहिष्कार जारी है।
अब कर्मियों के सोशल मीडिया पर मुखर होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि पुलिस कर्मियों की मांग पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए रविवार को उठाई गई मांग पर विचार कर उचित कदम उठाने के लिए काम कर रही है।
अगर पुलिस कर्मी अनुशासनहीनता करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि डीजीपी संजय कुंडू को निर्देश दिए हैं कि मेस में बहिष्कार और सोशल मीडिया पर पुलिस कर्मियों की बयानबाजी न होना सुनिश्चित करें।
बता दें, संशोधित पे बैंड जल्द देने की मांग कर रहे पुलिस कर्मी लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। गुरुवार को भी कई पुलिस कर्मियों ने ई-मेल और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब आठ साल के अनुबंध काल वाले कर्मचारियों का सेवाकाल सरकार घटाते हुए अब दो साल तक ला सकती है तो पुलिस के कांस्टेबलों को संशोधित पे बैंड देने के मामले में भी सरकार फैसला क्यों नहीं लेती।
सीएम का यह बयान ही पुलिस कर्मियों के प्रति सौतेला व्यवहार दर्शाता है। इससे पहले पुलिस कर्मियों ने ही ई-मेल जारी कर एलान किया है कि बिलासपुर में होने वाले कार्यक्रम में उनके परिजन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने विरोधी रैली निकलेंगे और अगर तब भी बात नहीं बनी तो आमरण अनशन भी करेंगे।