आशा वर्कर को मनरेगा में काम करने सबंधी एक मामले पर निदेशक एवं आयुक्त (मनरेगा) ग्रामीण विकास विभाग हिमाचल ने इस बारे स्थिति स्पष्ट की है। जानकारी के अनुसार धर्मशाला के समीपवर्ती ग्राम पंचायत में आशा वर्कर के मनरेगा में काम मांगने सबंधी मामला उठा था।
इसमें आशा वर्कर को मनरेगा में काम देने को लेकर उठे कई चर्चाओं के चलते इसकी स्थिति स्पष्ट करने के लिए निदेशालय से पत्राचार किया गया था। जिस पर निदेशालय ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि आशा वर्कर सरकारी कर्मचारी नहीं हैं और वह मनरेगा के अंतर्गत काम मांगती हैं तो उन्हें काम दिया जा सकता है। हालांकि आशा वर्कर यदि स्वास्थ्य विभाग के अभियानों, टीकाकरण तथा किसी केंद्र पर सेवाएं दे रही है तो उस समय वह मनरेगा में काम नहीं कर सकती है।
इसमें आशा वर्कर को मनरेगा में काम देने को लेकर उठे कई चर्चाओं के चलते इसकी स्थिति स्पष्ट करने के लिए निदेशालय से पत्राचार किया गया था। जिस पर निदेशालय ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि आशा वर्कर सरकारी कर्मचारी नहीं हैं और वह मनरेगा के अंतर्गत काम मांगती हैं तो उन्हें काम दिया जा सकता है। हालांकि आशा वर्कर यदि स्वास्थ्य विभाग के अभियानों, टीकाकरण तथा किसी केंद्र पर सेवाएं दे रही है तो उस समय वह मनरेगा में काम नहीं कर सकती है।
स्वास्थ्य विभाग के किसी भी कार्य न करने की सूरत में ही वह मनरेगा में कार्य कर सकती हैं। उधर, डिप्टी डायरेक्टर डी.आर.डी.ए. धर्मशाला सोनू गोयल ने बताया कि आशा वर्कर भी मनरेगा में काम कर सकती हैं। लेकिन वह तभी काम कर सकती हैं जब वह स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अभियान, केंद्र, सर्वे व टीकाकरण के कार्यां को नहीं कर रही हों।