मनरेगा की वित्तीय अनियमितता में जिला सिरमौर सबसे आगे है। सिरमौर में 90.24 लाख की कथित अनियमितता सामने आई है। इसके अलावा जिला सिरमौर में डेविएशन में भी 50.58 लाख रुपए की कथित धांधली सामने आई है। प्रदेश में सबसे अधिक अनियमितता के मामले मस्ट्रोल व बिलों से संबंधित हैं जो कई पंचायतों के पास मौके पर ही नहीं मिले हैं। कई ऐसे विकास कार्य हैं जो मौके पर किए हैं लेकिन पंचायतों के पास बिल ही नहीं हैं और पेमैंट को भुगतान भी कर दिया गया है। इसी तरह डेविएशन में जिला किन्नौर में 1.86 करोड़ की कथित अनियमितता सामने आई है।
बिलासपुर में 16.90 लाख की अनियमितताएं
जिला बिलासपुर की 176 में से 84 ग्राम पंचायतों में 570 विकास कार्य कटघरे में खड़े हुए हैं। सोशल ऑडिट में 15.73 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। इसी तरह डेविएशन में 1.17 लाख रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है।
चम्बा में 4.60 लाख की गड़बड़ी
जिला चम्बा में 309 में से 56 ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट हुआ। इन पंचायतों में 205 विकास कार्यों में 3.30 करोड़ की वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है जबकि डेविएशन में भी इन पंचायतों में 1.30 लाख रुपए की अनियमितता है।
हमीरपुर में 10.52 लाख का घपला
जिला हमीरपुर में कुल 248 पंचायतों में 108 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 520 विकास कार्य पर कटघरे में खड़े हो गए हैं। इन पंचायतों में 9 लाख रुपए की अनियमितताओं का खुलासा हुआ है जबकि डेविएशन में 1.52 लाख रुपए की अनियमितता सामने आई है।
कांगड़ा में 35.82 लाख की अनियमितता
जिला कांगड़ा में वित्तीय अनियमितता के सबसे अधिक 1396 मामलों का खुलासा हुआ है। जिला में 832 में से 287 पंचायतों का सोशल ऑडिट हुआ। इसमें 1396 विकास कार्यों में 25.28 लाख रुपए की अनियमितता सामने आई है जबकि डेविएशन में भी 9.54 लाख रुपए की वित्तीय गडबड़ी का खुलासा किया गया है।
किन्नौर में 1.92 करोड़ की हेर-फेर
जिला किन्नौर की 73 में से 20 पंचायतों का सोशल ऑडिट किया गया है। इस ऑडिट में 66 विकास कार्यों को कटघरे में खड़ा किया गया है। मजेदार बात यह है कि इन पंचायतों में 1.92 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है जिसमें 1.86 करोड़ रुपए डेविएशन में हुई अनियमितता का है। मनरेगा की वैबसाइट पर यह जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।
कुल्लू में 20 लाख की गड़बड़ी
जिला कुल्लू की 235 पंचायतों में से 62 ग्राम पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में करीब 20 लाख रुपए की अनियमितता सामने आई है। सोशल ऑडिट में 315 विकास कार्यों को कटघरे में खड़ा किया गया है। इस 20 लाख में से 1.20 लाख डेविएशन में हुई अनियमितता के हैं।
लाहौल-स्पीति में कोई गड़बड़ी नहीं
जिला लाहौल-स्पिति में 45 पंचायतों में से 9 ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट किया गया। इन पंचायतों में किए गए 25 विकास कार्यों पर सवाल खड़े किए गए लेकिन इनमें कोई वित्तीय अनियमितता सामने नहीं आई।
मंडी में 15.96 लाख की अनियमितताएं
जिला मंडी की 562 ग्राम पंचायतों में से 131 ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट किया गया। वित्तीय अनियमितता के 461 मामले सामने आए। सोशल ऑडिट में 15.96 लाख रुपए वित्तीय अनियमितता का खुलासा किया गया है। इसमें से 4.09 लाख रुपए डेविएशन में हुई वित्तीय अनियमितता के हैं।
शिमला में 465 विकास कार्यों पर सवाल
जिला शिमला में मनरेगा में 17.58 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता का पर्दाफाश हुआ है। इसमें 4.09 लाख रुपए की गड़बड़ी डेविएशन में ही की गई है। जिला में 415 ग्राम पंचायतों में से 94 पंचायतों को सोशल ऑडिट हुआ। इसमें 465 विकास कार्यों पर सवाल खड़े किए गए हैं।
सिरमौर में 1.41 करोड़ का गड़बड़झाला
जिला सिरमौर में 259 ग्राम पंचायतों में से 89 ग्राम पंचायतों में हुए सोशल ऑडिट में करीब 1.41 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। इसमें से 50.58 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता डेविएशन की है। सोशल ऑडिट में 350 विकास कार्यों पर सवाल खड़े हुए हैं।
सोलन की 39 पंचायतों में घपला
जिला सोलन की 240 ग्राम पंचायतों में से 39 ग्राम पंचायतों में हुए सोशल ऑडिट में करीब 22.15 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। इसमें से 7.40 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता डेविएशन की है। जिला में 571 विकास कार्य कटघरे में खड़े हुए हैं।
ऊना में 10.53 लाख की अनियमितता
ऊना में 246 ग्राम पंचायतों में से 113 ग्राम पंचायतों में हुए सोशल ऑडिट में 10.53 लाख रुपए अनियमितता सामने आई है। इसमें से 7.11 लाख रुपए डेविएशन में हुई वित्तीय अनियमितता के हैं। जिला में विकास कार्यों में वित्तीय गड़बड़ी के 632 मामले सामने आए हैं।
विकास खंड अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश : टेक चंद
सामाजिक अंकेक्षण इकाई के निदेशक टेक चंद कश्यप ने बताया कि प्रदेश में 1096 ग्राम पंचायतों को सोशल ऑडिट किया गया है। इन पंचायतों में 4.86 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। यह राशि इसलिए भी ज्यादा लग रही है क्योंकि कोविड काल में सोशल ऑडिट नहीं हुआ है। इस बारे सभी विकास खंड अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा की बैठकों में सोशल ऑडिट पर चर्चा होगी। इसलिए इस राशि के कम होने की उम्मीद है।