ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि जो पुलिस के परिजनों पर मामले दर्ज किए गए हैं उसे तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए, क्योंकि पुलिस के परिजनों ने आम जनता की तरह नड्डा से मिलने का काम किया है और जो उनके बच्चों की मांगे थी उनको लेकर उन्होंने ज्ञापन प्रेषित किया है. ऐसे में यह कोई अपराध नहीं है जो हिमाचल सरकार ने इस मामले को लेकर कमेटी का गठन करके एडीजीपी को बिलासपुर भेज दिया.
बंबर ठाकुर ने कहा कि पुलिस दिन-रात कार्य करती है तो उनको अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाने के भी उनको पूरा अधिकार है. ऐसे में उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा गया है. साथ ही, पूर्व विधायक ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर एफआईआर वापस (fir on relatives of police personnel) नहीं ली जाती है तो वह पुलिस के परिजनों के साथ एकत्रित होकर सचिवालय का घेराव करने से भी परहेज नहीं करेंगे.
उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द एफआईआर वापस ली जाए और पुलिस के परिजनों को प्रताड़ित करना बंद कर दिया जाए. अन्यथा जिला कांग्रेस सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन देने से भी परहेज नहीं करेगी.