ड्रैगन बोट देखने में जहां अन्य वोटों से भी सुंदर दिखती है वहीं इसमें 12 लोगों के बैठने की भी क्षमता है। फाइबर से बनी इस ड्रैगन बोट को खिलाड़ियों के द्वारा गोविंद सागर झील में उतारा गया।
अब जल क्रीड़ा प्रेमी खिलाड़ी इस बोट में भी अपनी प्रैक्टिस कर पाएंगे। बोट को झील में उतारने के दौरान बिलासपुर काएकिंग एंड कैनोइंग एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित रहे। एसोसिएशन जिला प्रधान कमल गौतम ने ड्रैगन बोर्ड के बिलासपुर पहुंचने पर सभी जल क्रीड़ा खेल प्रेमियों को बधाई दी है। वहीं, बिलासपुर वाटर स्पोर्ट सेंटर की प्रभारी जमुना ठाकुर ने बताया कि बिलासपुर सेंटर में ड्रैगन बोट पहुंचने के बाद अब खिलाड़ियों को इसका आनंद उठाने का भी मौका मिल पाएगा।
अब जल क्रीड़ा प्रेमी खिलाड़ी इस बोट में भी अपनी प्रैक्टिस कर पाएंगे। बोट को झील में उतारने के दौरान बिलासपुर काएकिंग एंड कैनोइंग एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित रहे। एसोसिएशन जिला प्रधान कमल गौतम ने ड्रैगन बोर्ड के बिलासपुर पहुंचने पर सभी जल क्रीड़ा खेल प्रेमियों को बधाई दी है। वहीं, बिलासपुर वाटर स्पोर्ट सेंटर की प्रभारी जमुना ठाकुर ने बताया कि बिलासपुर सेंटर में ड्रैगन बोट पहुंचने के बाद अब खिलाड़ियों को इसका आनंद उठाने का भी मौका मिल पाएगा।
उन्होंने बताया कि अभी तक बिलासपुर सेंटर के पास कायक व पावर वोट जैसे उपकरण तो मौजूद थे, लेकिन उसमें अब ड्रैगन बोट भी शामिल हो गया है जोकि बिलासपुर के लिए खुशी की बात है। उन्होंने बताया कि जल्द ही जल क्रीड़ा प्रेमी खिलाड़ियों को इसका भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।