साथ ही इन नियम को तोडऩे वाली कंपनियों पर कमाई का चार फीसदी तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। हाई लेवल कमेटी ने 2019 में पेश किए गए पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल को देखते हुए रेगुलेटरी बॉडी बनाने की बात कही है। इससे गूगल और अमेजन इंक जैसी कंपनियां जो डाटा स्टोर करती हैं, उसे पूरी तरह से रोकने में मदद मिलेगी।
समिति का कहना है कि जिस तरह इंडियन प्रेस को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया कंट्रोल करती है, ठीक उसी तरह सोशल मीडिया प्लेटफार्म के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी बनानी चाहिए। पैनल के हेड भारतीय जनता पार्टी के मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि रिपोर्ट की सिफारिशें 29 नवंबर से चलने वाले संसदीय सत्र में पेश की जाएंगी।
इस बिल में दिए गए नियम नहीं मानने पर सोशल मीडिया कंपनियों के ग्लोबल कमाई का चार फीसदी तक के जुर्माने लगाने का प्रावधान हो सकता है।