इसे देखते हुए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी सहित अन्य दलों ने अपने-अपने सदस्यों से पहले दिन सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। तीनों नए कृषि कानून गत वर्ष सितंबर में पारित किए गए थे, लेकिन अनेक किसान संगठनों ने इन कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए पिछले वर्ष 26 नवंबर से इनके खिलाफ आंदोलन और धरना शुरू किया था। किसान संगठन उस समय से ही इन कानूनों को निरस्त करने की मांग करते आ रहे थे।
पराली जलाना अब अपराध नहीं
प्रदर्शनकारी किसानों से अपना आंदोलन समाप्त करने की अपील करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की उनकी मांग पर सहमति जताई है। मंत्री ने कहा कि किसानों की मांग पराली जलाने को अपराध से मुक्त करने की थी। सरकार इस मांग पर सहमत हो गई है।