जिस पर थाना से पुलिस पार्टी को मौका का रवाना किया गया तथा फायर ब्रिगेड को सूचित किया गया। मौके पर जाकर पाया गया कि राजदेव का मकान गांव से अलग दूरी पर बगीचे में था तथा परिवार दूसरे बगीचे दोगरी में काम करने गए हुए थे, जो रात को वही पर ठहरे हुये थे। राजदेव का 2 मंजिला मकान था जिसमें कुल 4 कमरे थे। जो बिल्कुल राख हो चुका है।
आरम्भ में राजदेव का कोई पता न चल सका परन्तु आग शान्त होने के पश्चात चैक करने पर राजदेव की अधजली लाश धरातल मंजिल के एक कमरा में पडी पाई को स्थानीय लोगो की मदद से बाहर निकाला गया। राजदेव की अधजली लाश को सीएचसी सन्दासू में लाया गया। जिसका आज पोस्मार्टम करवाया जाएगा। राजदेव के परिवार के सदस्यो ने राजदेव की मौत पर किसी भी व्यक्ति पर कोई शक-शुबा जाहिर नहीं किया है।