HP News: Leopard Attack In Shimla : शिमला में 5 साल के योगराज को तेंदुआ उठा ले गया या कुछ और? उठे सवाल : जानिए क्या है पूरा मामला : Read More

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शिमला. हिमाचल प्रदेश में शिमला शहर में पुराने बस स्टैंड (Shimla Old Bus stand) के साथ लगते डाउनडेल इलाके में दिवाली (Diwali) पर अमावस्या की रात को पांच साल का मासूम योगराज संदिग्ध हालात में गायब हो गया. शुरु में अंदेशा जताया गया कि तेंदुआ (Leopard attack in Shimla) बच्चे को उठा ले गया, लेकिन अब पूरा मामला संदिग्ध हो गया है और लोगों ने सवाल उठाए हैं. लोगों में चर्चा चल रही है कि कहीं बच्चे को तंत्र-मंत्र के चलते तो नहीं उठाया गया है. पुलिस और वन विभाग (Shimla Police) भी कुछ साफ नहीं बता पा रहा है.

पांच साल का योगराज डाउनडेल बस्ती में मंदिर के पास बने एक कच्चे मकान में परिवार के साथ रहता था. गुरुवार रात करीब आठ बजे योगराज पड़ोसी के एक बच्चे के साथ घर के आंगन में खेल रहा था. बताया जा रहा है कि दोनों फुलझड़ियां जला रहे थे कि अचानक बच्चा गायब हो गया. साथ खेल रहे चार साल के बच्चे ने मां को बताया कि कोई जानवर योगराज को उठा ले गया. घर से थोड़ी दूर बच्चे की पेंट मिली और उस पर खून के धब्बे हैं. हालांकि, पेंट फटी हुई नहीं है.

दरअसल, सोलन के अर्की का रहने वाला यह परिवार पुजारी का काम करता है. 25 साल से डाउनटेल में रहता है. पिता चालक हैं. वन्यजीव विभाग के डीएफओ रविशंकर ने बताया कि बच्चे को तेंदुए के उठाकर ले जाने के साक्ष्य नहीं मिले है. डीएसपी कमल वर्मा ने बताया कि बच्चे की तलाश की जा रही है. पुलिस सभी पहुलूओँ को ध्यान में रखकर पूरे मामले की जांच कर रही है.

दरअसल, दिवाली की रात की यह घटना है. चारों और पटाखों के शोर में तेंदुआ रिहायशी इलाकों में नहीं आता है. बच्चे की पेंट भी फटी नहीं है. हालांकि, घर के पास जंगल जरूर है. वन विभाग का कहना है कि पटाखों की आवाज से तेंदुआ डरता है और जंगल में भाग जाता है. तेंदुए के दिवाली के दिन रिहायशी इलाके में आने के चांस कम हैं. लेकिन पुलिस और वन विभाग की टीमों को मौके और आसपास कुछ ऐसा नहीं मिला है, जिससे कहा जा सके कि बच्चे को तेंदुआ ही उठा ले गया है. सर्च ऑपरेशन के दौरान साथ जंगल में कुछ और जगह खून के धब्बे मिले हैं. खून के धब्बे बच्चे के हैं या नहीं, जांच के लिए मौके से सैंपल लिए हैं. शुक्रवार को दिनभर डाउनडेल से नीचे लालपानी और रामनगर के जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी रहा. पुलिस ने एनएच किनारे चल रहे ढाबों में भी पूछताछ की है.


क्या बोले स्थानीय पार्षद

स्थानीय पार्षद जगजीत बग्गा का कहना है कि बच्चा गायब हुआ है. लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया है या कुछ और. मां ने बताया कि बेटा पहले काफी बीमार था, अब जब ठीक हुआ तो सभी इसका काफी ध्यान रखते थे. दरअसल, शिमला में तेंदुए के स्पॉट होने के कई मामले सामने आ चुके हैं. 6 अगस्त को कनलोग इलाके से तेंदुए एक सात साल की बच्ची को उठा ले गया था.
बाद में बच्ची का शव क्षतविक्षत हालात में जंगल से मिला था. शिमला शहर में विकासनगर, समिट्री, कनलोग, खलीनी और फागली इलाकों में तेंदुए का आना जाना ज्यादा है. इन इलाकों में रात को कई बार तेंदुआ स्पॉट हुआ है.

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