वहीं रमेश धवालाा अपनी ही सरकार (Govt.) पर भी गरजे. उन्होंने कहा कि 4 सीटों पर हार की वजह संगठन और सरकार में सही तालमेल न होना है सरकार ने अच्छे काम किए है. धवाला ने कहा लेकिन संगठन में उनका ही यहां मान सम्मान नहीं होता है. संगठन ने कांग्रेस से आए लोगों को तरजीह दी है. धवाला ने कहा कि अगर यही हाल बीजेपी संगठन का रहा तो रिजल्ट सबके सामने है.
वहीं जब मीडिया से बात करते हुए उपचुनाव में भाजपा की करारी हार पर जवालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने चुपी तोड़ते हुए हार की बजह सराकर व संगठन में तालमेल की कमी बताई. साथ ही आरोप जड़ा है कि संगठन पुराने लोगों को दरकिनार कर आगे बढ़ना चाहेगा तो परिणाम ऐसे ही आयेंगे.
धवाला ने यह भी कहा कि संगठन में नए लोगों को आगे लाना अच्छी बात है. लेकिन पुराने दरकिनार किये जायेंगे तो परिणाम घातक ही आयेंगे. हालांकि धवाला ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) को ईमानदार बताया है. लेकिन कहा कि प्रदेश भर में रिकॉर्ड तोड़ विकास कार्यों के बाबजूद चार की चार सीटों पर हार हो जाना शर्मनाक है.
हार के पीछे बहाने नहीं आत्ममंथन, चिंतन होना चाहिए. लेकिन हार के असल कारणों पर विचार नहीं हुआ तो 2022 की जीत आसान नहीं है. उन्होंने कहा कि संगठन ने पुराने कार्यकर्ताओं को जलील करने के लिए कई स्थानों में समानांतर संगठन तैयार कर दिए. जिससे चुनावों में कैडर कार्यकर्ता घर बैठ गया. उपचुनाव में निराश कार्यकर्ता ने फील्ड में वोट नहीं मांगे. परिणाम सबके सामने हैं कि संगठन विघटन का काम ना करे. रमेश धवाला ने कहा कि जैसा इन उपचुनाव वाली विधानसभा व लोकसभा सीट में हुआ वैसा ही ज्वालामुखी विधानसभा सीट में हो रहा है, जोकि सही नहीं है.