अब उपचुनावों के बाद प्रदेश से भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ तो भाजपा सरकार के मंत्री निकल कर बाहर आ रहे हैं और स्वीकार कर रहे हैं कि यह हार बढ़ती महंगाई का नतीजा है। एक बयान में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी स्वीकार किया कि यह बढ़ती महंगाई का नतीजा है और चुनाव हारने का सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ दिया। पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं जिस पर जनता ने तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए आक्रोश दिखाकर उपचुनावों में भाजपा के नेताओं को उखाड़ कर बाहर फेंका है और कांग्रेस को दिल से स्वीकार किया है।
इसके बाद सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल के दाम तुरंत थोड़े कम कर दिए गए जो भाजपा के इस रवैया को दर्शाता है कि इस सरकार को भी एहसास था कि महंगाई बढ़ी है और जनता इस बढ़ती महंगाई से ही त्रस्त है। लेकिन गैस और सरसों के तेल व अन्य कई वस्तुओं के दाम अभी भी आसमान छू रहे हैं जिसका नतीजा यह सरकार अगले साल देखेगी। उपचुनावों में यह बात साफ हो गई है कि जनता महंगाई और भ्रष्टाचार इत्यादि बर्दाश्त नहीं करेगी।
देखा जाए तो यह जनता द्वारा भाजपा सरकार को दी गई एक डोज है जिसने भाजपा सरकार को एहसास दिला दिया है कि यदि इसी तरह महंगाई बढ़ती रही और बेरोजगारी चरम पर रही तो अगले साल दूसरी डोज देकर पूरे प्रदेश से भाजपा का नामोनिशान मिटा दिया जाएगा। अब जनता भली-भांति समझ चुकी है कि यदि महंगाई को भगाना है तो भाजपा को हटाना है और कांग्रेस को प्रदेश में लाना है।