लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते स्वास्थ्य विभाग ने भी एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं और सीएमओ ऊना ने सभी पांचों स्वास्थ्य खंड अधिकारियों को इस संबंध में स्वयं नजर रखने और लक्षण दिखने पर मरीजों के टैस्ट करवाने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि सभी को उपचार दिया जा रहा है।
सीएमओ डाॅ. रमन कुमार शर्मा ने बताया कि डेंगू के लक्षण आने पर इनकी अनदेखी खतरनाक हो सकती है इसलिए जैसे ही डेंगू के लक्षण आएं तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सीय सलाह अवश्य लें। डेंगू एक मच्छर के काटने से होता है।
मच्छर के काटने से डेंगू वायरस इंसानी शरीर में प्रवेश कर जाता है तथा रोगी को तेज बुखार, सिरदर्द, बदन व जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द इत्यादि होता है। इसके अलावा कई बार नाक व आमाश्य से रक्त स्त्राव होना, बेहोश हो जाना व शरीर में प्लेटलैट्स की कमी भी हो जाती है।
डाॅ. रमन कुमार शर्मा ने कहा कि डेंगू का मच्छर टूटे बर्तनों, टायरों, कूलरों, एसी व खड़े पानी की टंकी में पनपता है तथा यह मच्छर दिन को काटता है। डेंगू से बचने के लिए अपने घरों व आसपास के क्षेत्रों में मच्छर को पनपने से रोकना आवश्यक है। सप्ताह में एक या दो बार कलर, एसी तथा टंकी के पानी को जरूर बदलें।
कूलरों में लंबे समय तक पानी न बदलने के कारण डेंगू का मच्छर पनपने की अधिक संभावनाएं रहती हैं, साथ ही टूटे बर्तनों, पुराने टायरों, टूटे घड़े इत्यादि को घर में न रखें ताकि उनमें पानी न ठहरे। समय-समय पर घरों में मच्छर मारने के लिए कीटनाशकों का भी छिड़काव करें। इसके अलावा यदि बताए गए कोई भी लक्षण व्यक्ति में नजर आते हैं तो तुरंत चिकित्सीय जांच के लिए अस्पताल पहुंचे।
स्क्रब टाइफस के लक्षणों में बुखार और ठंड लगना शामिल है। इसके बाद सिरदर्द, शरीर में दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। घास में पाए जाने वाले कीड़ों के काटने से यह रोग होता है। खेतों में जाने वाले लोगों को स्वयं को पूरी तरह ढककर रखना चाहिए ताकि कीड़ा उनको काट न सके। घरों के आसपास उगी घास को भी काट लेना चाहिए ताकि कीड़े न पनप सकें।