जब किसी पुरुष को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में यह कह दिया जाए की आपका गर्भाशय/बच्चादानी आमुक प्रकार काम कर रहे है तथा शरीर में इनकी स्थिति आमुक प्रकार है तो पुरुष व्यक्ति का सकते में आना स्वाभाविक है,क्योंकि स्त्री के शरीर में तो बच्चादानी/गर्भाशय होता है लेकिन पुरुष के शरीर में नहीं होता ।
अनुराग कुमार नामक व्यक्ति ने हैरान परेशान होकर जब जसूर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल से उक्त रिपोर्ट लेने के बाद यह जानना चाहा कि उसके शरीर में बच्चादानी/गर्भाशय कहां से आ गए तो उक्त अस्पताल वालों को गलती का एहसास हुआ उन्होंने कहा कि ऐसा कंप्यूटर रिपोर्ट बनाने वाले की गलती से हुआ है। लेकिन पीड़ित व्यक्ति के गले में यहां सफाई इसलिए नहीं उतर पाई क्योंकि उसका कहना है कि कंप्यूटर कर्मी सदैव वही रिपोर्ट प्रिंट करता है जो संबंधित डॉक्टर लिखता है।
अनुराग के लिए इस अल्ट्रासाउंड में उसके शरीर के बारे में लिखी बाकी रिपोर्ट भी विश्वास योग्य नहीं रह गई है क्षेत्र में इस घटना की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि अभी तक सरकारी अस्पतालों में विभिन्न प्रकार की गंभीर लापरवाहियों के प्रकरण हुआ करते तथा इसी कारण लोग ज्यादा फीस अदा करके निजी अस्पतालों का रुख करते थे ।लेकिन इस घटना के बाद निजी अस्पतालों की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चिन्ह लग कर रह गया है।