कल रहेगा चक्का जाम:
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए 18 अक्तूबर को पूर्ण रूप से काम छोड़ो आंदोलन में शामिल होने के लिए अपना सहयोग देने की बात कही। सरकार व निगम प्रबंधन के पास एक दिन शेष बचा है, कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाए।
नहीं तो है 18 अक्तूबर को पूर्ण रूप से काम छोड़ो आंदोलन होगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी निगम प्रबंधन व सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के जो वित्तीय लाभ वर्षों से देय हैं उनको देने के लिए आनाकानी कर रही है।
दो माह से हैं संघर्षरत:
जैसे कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 2015 से आई।आर 15 फीसदी, जोकि 2016 से देय है। निगम चालक परिचालकों का रात्रि भत्ता, ओवरटाइम भी लगभग 35 महीनों से बकाया है, लेकिन जब भी प्रबंधन से इस बारे में बात की जाती है तो प्रबंधन वित्तीय लाभ देने के लिए आनाकानी करता है।
निगम कर्मचारी लगभग 2 माह से संघर्ष की राह पर चल रहे हैं। जिसके लिए निगम कर्मचारियों ने 15 सितंबर को मुख्य कार्यालय शिमला में धरना प्रदर्शन किया और उसी दिन सरकार व प्रबंधन को अपनी अगली कार्रवाई के लिए अवगत करवा दिया गया था।
इसके लिए निगम कर्मचारियों ने यह फैसला लिया था कि 11 अक्तूबर को सभी कर्मशाला में गेट मीटिंग की जाएगी और यह गेट मीटिंग 17 अक्तूबर तक जारी रहेगी।
सरकार व प्रबंधन कर्मचारियों की मांगों को नहीं मानता है तो 18 अक्तूबर को पूर्ण रूप से काम छोड़ो आंदोलन किया जाएगा। उस दिन हिमाचल पथ परिवहन निगम की कोई भी बस नहीं चलेगी।
आम लोगों को होगी मुश्किलें:
इससे हिमाचल की जनता को भी भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा और हिमाचल पथ परिवहन निगम को भी घाटे का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से सरकार व प्रबंधन से अनुरोध करते हैं कि वह अति शीघ्र वार्ता करके कर्मचारियों को वित्तीय लाभ के बारे में फैसला करें, ताकि इस आंदोलन को रोका जा सके। इससे हिमाचल की जनता भी परेशान न हो।