महंगाई से त्रस्त जनता की नब्ज को पकड़ते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस को इसी मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है। सीएम ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में प्याज के दाम 130 रुपये से अधिक थे और गैर सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडर की कीमत भी 1200 के पार पहुंच गई थी। तब कांग्रेस ने महंगाई को दूर करने के लिए क्या किया था? वह सराज विधानसभा क्षेत्र के बालीचौकी में जनसभा के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने महंगाई को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश की। हिमाचल में भी जब सरसों के तेल की कीमत बढ़ी तो सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए सब्सिडी दी। सराज विधानसभा क्षेत्र में सड़कों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक मैं आपकी पीठ से सारा बोझ नहीं उतार दूंगा, तब तक रुकूंगा नहीं।
विधानसभा क्षेत्र की सभी पंचायतों में सड़क पहुंचा दी गई है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस आज एक परिवार तक सिमटकर रह गई है। कांग्रेसी कहते हैं कि सारा विकास सराज में हो रहा है। सराज विधानसभा का विधायक होने के नाते मेरा भी फर्ज है कि यहां भी विकास कार्य करवाए जाएं। लेकिन कोई आज पक्षपात या भेदभाव का आरोप नहीं लगा सकता।
आज हिमाचल के सभी विधानसभा क्षेत्रों में 200-300 करोड़ रुपये के विकास कार्य हो रहे हैं और कहीं पर तो इससे भी ज्यादा विकास कार्यों पर खर्च हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, जिस कारगिल युद्ध में 527 जवान शहीद हुए, कांग्रेस के लोग कहते हैं कि वह तो युद्ध था ही नहीं, मामूली घुसपैठ थी। कांग्रेस कहती है कि सैनिक को राजनीति में नहीं आना चाहिए। आज राजनीति में सच्चे, ईमानदार और निष्ठावान लोगों की जरूरत है और एक फौजी से सच्चा और ईमानदार कोई नहीं हो सकता।
खुशाल कारगिल युद्ध के बजाय अपने कामों के नाम पर मांगते वोट : राणा
वहीं, हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग के निवर्तमान अध्यक्ष सेवानिवृत्त मेजर जनरल डीवीएस राणा ने तुच्छ राजनीतिक लाभ लेने के लिए भारत की गौरवमयी सेना को घसीटने के प्रयासों पर दुख जताया है। मेजर जनरल राणा ने कहा कि सिपाही से लेकर सेना प्रमुख तक सभी वीर सैनिक मातृभूमि की सीमाओं की सुरक्षा का प्रण लेते हैं। समय आने पर इस कर्तव्य के निर्वहन के लिए प्राण न्योछावर करने से भी गुरेज नहीं करते। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के 22 वर्ष बाद इसमें अपने योगदान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना तथा इस प्रकार मंडी संसदीय क्षेत्र की जनता व अवकाश प्राप्त सैनिकों और उनके परिवारों को गुमराह करने के भाजपा प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल चंद ठाकुर (सेवानिवृत्त) के प्रयास निंदनीय हैं।
जनरल राणा ने कहा कि जिस प्रकार सेना के मेडलों वाले फोटो के साथ सोशल मीडिया पर भाजपा अपने प्रत्याशी का प्रचार कर रही है, वह मर्यादाओं के खिलाफ है। खुशाल कारगिल युद्ध के बजाय वर्षों के अपने राजनीतिक सफर की उपलब्धियों पर जनता से वोट मांगते तथा लोगों को बताते कि फोरलेन संघर्ष समिति का नेतृत्व करते हुए उन्होंने कितने प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिलवाया, जबकि अवकाश प्राप्त सैनिक निगम के अध्यक्ष होते हुए उन 1400 अवकाश प्राप्त सैनिकों के लिए क्या किया।