उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने झील का विजिट किया है और पहले तो लुहणू के आसपास जमीन देखी गई, लेकिन यहां आसपास कोई भी उपयुक्त साइट न होने के चलते आगे जाकर साइट सिलेक्शन के लिए विजिट किया गया। जहां ट्रस्सल के पास फोरलेन का ब्रिज बन रहा है वहां पर झील किनारे सरकारी लैंड उपलब्ध है जिसका उपयोग टूरिज्म प्वाइंट ऑफ व्यू की दृष्टि से किया जा सकता है। इसके लिए कंसल्टेंट टीम को साइट विजिट के लिए बुलाया गया है।
जैसे ही टीम बिलासपुर आएगी और साइट विजिट करेगी तो उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस योजना के सिरे चढऩे से निश्चित रूप से बिलासपुर में पर्यटन आकर्षण को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। जिलाधीश के अनुसार जिस तरह कश्मीर की डल, नैनीताल या अन्य चर्चित जगहों पर अलग-अलग मॉडल की रंग-बिरंगी मोटर बोट्स चलती हैं ठीक उसी तरह बिलासपुर की गोबिंदसागर लेक भी इस प्रकार की मोटरबोट्स शुरू करने की योजना है जिसके लिए इच्छुक स्थानीय लोगों को लाइसेंस दिए जाएंगे।
वाटर फ्रंट एक आकर्षण का केंद्र होगा जहां फूड मार्केट लगेगी जहां पर्यटक अपने मनपसंद व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे। वाटर फ्रंट पर पर्यटकों 7को आराम करने के लिए नए मॉडल के बैंच भी स्थापित किए जाएंगे।
पर्यटन आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा वाटर फ्रंट
नैनीताल या चंडीगढ़ की सुखना लेक की तर्ज पर बिलासपुर का वाटर फ्रंट भी पर्यटन आकर्षण का एक मुख्य केंद्र होगा जहां कुल्लू -मनाली जाने से पहले पर्यटक झील में वोटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे। इस बाबत अलग-अलग मॉडल की मोटरबोट्स चलेंगी और संचालकों को प्रशासन की ओर से लाइसेंस उपलब्ध करवाए जाएंगे। एक चलता फिरता रेस्तरां यानी फूड मार्केट भी उपलब्ध होगी। फूड मार्केट में अलग अलग फूड का पर्यटक आनंद उठा सकेंगे। पर्यटकों को आराम करने के लिए बैंच लगेंगे जहां से झील का नजारा दिखेगा।
ट्रस्सल के पास जिस जगह फोरलेन का ब्रिज बन रहा है वहां पर सरकारी जमीन उपलब्ध है। जहां पर वाटर फ्रंट निर्माण की योजना बनाई है। जल्द ही कंसल्टेंट टीम साइट विजिट करेगी और रिपोर्ट तैयार करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा