सोलन : हिमाचल प्रदेश का नाम बदलकर अब रैफर प्रदेश रख देना चाहिए क्योंकि हमारे प्रदेश में भाजपा सरकार की अव्यवस्थाओं और गलत नीतियों के चलते स्वास्थ्य सुविधाओं की रीढ़ टूट चुकी है। सोलन में प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के चेयरमैन एवं प्रवक्ता अभिषेक राणा ने यह आरोप सरकार पर लगाए।
उन्होंने बताया कि आरटीआई के माध्यम से यह खुलासा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश में अढ़ाई लाख से अधिक लोग साल दर साल बाहरी राज्यों जैसे कि चंडीगढ़ व जालंधर इत्यादि में अपना इलाज करवाने को मजबूर हैं। अभिषेक ने कहा कि टांडा मेडिकल काॅलेज हो या फिर शिमला मेडिकल काॅलेज और अन्य कोई भी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र, हिमाचल प्रदेश में कहीं पर भी न तो पर्याप्त डाॅक्टर हैं और न ही इलाज हेतु जरूरी उपकरण। प्रदेश के लगभग तमाम अस्पतालों और मैडीकल कालेजों में एक्स-रे, अल्ट्रासाऊंड इत्यादि की मशीनें या तो हैं नहीं और जो हैं वह भी खस्ता हालत में हैं।
भाजपा सरकार केवल चुनावों के वक्त एम्स में करवाती है भूमि पूजन
कांग्रेस प्रवक्ता ने घोषणाओं का जिक्र करते हुए कहा कि एम्स एक बहुत बड़ा नाम है लेकिन हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार केवल चुनावों के वक्त एम्स में भूमि पूजन करवाती है इससे आगे अभी तक इस विषय में कोई भी प्रगति नहीं हो पाई।
सैटेलाइट सैंटर जैसे बड़े-बड़े नामों की घोषणा कर भाजपा के बड़े-बड़े मंत्री और नेता जोकि देवभूमि की मिट्टी से ही दिल्ली तक का सफर तय करके गए हैं। उन्होंने कहा कि 70 लाख की जनसंख्या वाला यह प्रदेश अब रैफर प्रदेश बन चुका है। यही नहीं, कोरोना काल के दौरान भी हिमाचल प्रदेश के लाखों मरीजों ने अपना इलाज चंडीगढ़ पीजीआई में करवाया।
सरकारी अस्पतालों की निजी अस्पतालों से सांठ-गांठ का खुलासा जल्द
अभिषेक ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की गरीब जनता को भी मजबूरी में सरकारी अस्पतालों में इलाज न मिलने के चलते प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ता है जहां पर उन्हें एक मोटे खर्च की अदायगी करनी पड़ती है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस द्वारा एक आरटीआई का खुलासा और किया जाएगा जिसमें कि यह ब्यौरा भी होगा कि सरकारी अस्पतालों से हर साल कितने लोगों को प्राइवेट अस्पतालों या बाहरी राज्यों में रैफर किया जाता है। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं सरकारी अस्पतालों की प्राइवेट अस्पतालों से सांठगांठ भी नजर आती है।
कितने मरीज अपना इलाज करवाने बाहर गए
आरटीआई के द्वारा मांगी गई जानकारी के अनुसार जनवरी, 2018 से जुलाई, 2021 तक हिमाचल प्रदेश से कितने मरीज जनरल ओपीडी में अपना चैकअप/इलाज करवाने पीजीआई चंडीगढ़ आए।
2018 में 2,27,576 मरीज।
2019 में 2,35,657 मरीज।
2020 में 75,407 मरीज।
2021 (जुलाई तक) 40,152 मरीज।