घटना तीन दिन पहले की बताई जा रही है। वहीं कांग्रेस का दावा है कि भाजपा वर्कर ने पूर्व विधायक से बदसलूकी की है। जानकारी के अनुसार, घटना तब हुई जब सुलह की रड़ा पंचायत में पंचायत भवन का शिलान्यास हो रहा था। मौजूदा भाजपा विधायक और विधानसभा स्पीकर विपिन सिंह परमार शिलान्यास करने के लिए पहुंचे थे। शिलान्यास कार्यक्रम के संबंध में पंचायत प्रधान और बाकी सदस्यों को कोई जानकारी नहीं थी और इसी बात का पाल विरोध कर रहे थे। हालांकि जगजीवन पाल शिलान्यास स्थल तक पहुंचते, पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया।
इसी बीच जगजीवन पाल को एक शख्स ने पीछे से थप्पड़ जड़ दिया और धक्का भी दिया। बाद में जगजीवन पाल मौके पर ही धरने पर बैठ गए। वहीं, पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया है। पूर्व विधायक जगजीवन पाल ने इस शिलान्यास का विरोध जताया, क्योंकि ना तो पंचायत के प्रधान को इसकी सूचना दी गई थी और न ही वार्ड पंचों कों पूर्व विधायक जगजीवन पाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष परमार अपनी मर्जी कर जनता को गुमराह कर रहे हैं। पूर्व विधायक ने कहा है कि भीड़ में गांव के लड़के जसवीर कुमार ने उनके सिर पर किसी चीज से चोट मारी है, जिसकी शिकायत पुलिस को दी गई है। पाल ने कहा कि जब तक न्याय नहीं होता, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा। मामले में विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार का कहना है कि मैंने जो भी किया है, ठीक किया है और मुझे किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। बाद में मीडिया से दूरी बनाने के लिए में विधानसभा अध्यक्ष ने अपना रास्ता ही बदल दिया।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने वीडियो पर सवाल उठाए और कहा कि यह क्या हो रहा है? एक जनता के प्रतिनिधि, पूर्व विधायक और सीपीएस जगजीवन पाल जी के साथ जो दुव्र्यवहार, भाजपा के गुंड़ों के द्वारा पुलिस की मौजूदगी किया गया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हिमाचल जैसे शांत राज्य में इस तरह की हरकतें और वह भी एक पूर्व में रहे विधायक से साथ मात्र जनता की आवाज़ उठाने के लिए सत्ता पक्ष के अहंकार और घमंड को दर्शाता हैं, करारा जवाब मिलेगा।