जांच में वीडियो में लगाए गए आरोपों की सिलसिलेवार तरीके से एक एक परत खोली गई।
इसमें युवक के परेशान होने और परेशानी की वजह पूर्व विधायक के करीबियों के होने की बात तो सामने आई है, लेकिन इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि पूर्व विधायक ने युवक को आत्महत्या के लिए उकसाया है। इसी वजह से अब इस मामले को सीआईडी ने फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। बता दें, पिछले साल जून में बिलासपुर के रहने वाले युवक अंशुल ने मंडी के पधर पहुंचकर जहर पीकर जान दे दी थी।
आत्महत्या से पहले युवक ने फेसबुक लाइव पर पूर्व विधायक और अन्य पर गंभीर आरोप लगाए थे।
युवक ने कहा था कि छह माह से उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। सभी मुझे जहर देकर मारना चाहते हैं। युवक ने यह भी कहा था कि अभिनेता सुशांत राजपूत की तरह उसे भी मरने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
वीडियो के आधार पर पुलिस ने पूर्व विधायक बंबर ठाकुर, कारोबारी टोटा, अंशुल पवार, गौरव और दीपक शर्मा पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया था। चूंकि, मामला पूर्व विधायक और दो जिलों से जुड़ा था। ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच सीआईडी को दे दी थी।