सूत्रों के मुताबिक हाल की छानबीन में पता चला है कि इन संस्थानों के निदेशकों ने शिक्षा निदेशालय में बंगलूरू और पंजाब की दो नामी विश्वविद्यालयों से कोर्स करवाने के लिए एफिलेशन होने का दावा करते हुए दो मान्यता प्रमाणपत्र जमा करवाए थे। सीबीआई(CBI) ने इन सर्टिफिकेट की जांच करवाई तो दोनों विश्वविद्यालयों ने इन्हें अपनी ओर से जारी करने से इनकार कर दिया। सीबीआई की टीम हाल ही में इसकी पड़ताल के लिए बंगलूरू गई थी। यहां विश्वविद्यालय में उक्त मान्यता प्रमाणपत्र की जांच करवाने पर पता चला कि यह फर्जी है और इसे विश्वविद्यालय ने जारी भी नहीं किया है। वहीं पंजाब(Punjab) के निजी विश्वविद्यालय के नाम पर निदेशालय में जमा करवाया गया प्रमाणपत्र भी फर्जी निकला है।
अब तक की जांच में सामने आया है कि नौ शिक्षण संस्थानों ने बिना मान्यता और फर्जी मान्यता प्रमाणपत्रों के आधार पर करीब 29.80 करोड़ (Crore) रुपये की छात्रवृत्ति हड़प ली है। हालांकि नाइलेट के मामले में सीबीआई ने अदालत में सप्लीमेंटरी चार्जशीट(Chargesheet) पहले ही दायर कर दी है। नए तथ्यों के आने के बाद सीबीआई इन तथ्यों को भी अदालत के समक्ष रखेगी। इसको लेकर विचार किया जा रहा है कि इसमें दोबारा सप्लीमेंटरी चार्जशीट दायर करके तथ्यों को रखा जाए या फिर अदालत में दस्तावेज ही पेश किए जाएं।